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मेरे हैंडल से अपशब्द ट्वीट वे करते थे और बदनामी मेरी हो रही थी... -सांसद दिनेश त्रिवेदी ने बताए तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के ऐसे ही अनेक कारण

मेरे हैंडल से अपशब्द ट्वीट वे करते थे और बदनामी मेरी हो रही थी... -सांसद दिनेश त्रिवेदी ने बताए तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के ऐसे ही अनेक कारण

कोलकाता। पिछले हफ्ते राज्यसभा से इस्तीफा देने वाले पूर्व टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी ने तृणमूल कांग्रेस को छोड़ने की जो वजहें बताई हैं उनमें चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधा है। दिनेश त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि आज के बंगाल में हिंसा और भ्रष्टाचार वाम राज के मुकाबले सौ गुना ज्यादा बढ़ गई है तो यह भी कहा कि टीएमसी ने उनके ट्विटर अकाउंट तक को अपने कब्जे में ले रखा था और उससे अपशब्दों से भरी भाषा वाले ट्वीट किए जाते थे।
त्रिवेदी ने कहा कि अभिषेक बनर्जी बहुत ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं जो कि संस्कृति के अनुरूप नहीं है। त्रिवेदी ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें परिवारवाद से बाहर निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और वाम दलों में कोई 'भाई-भतीजा' देखने को नहीं मिलता। उन्होंने अभिषेक का जिक्र करते हुए कहा कि चाहे अभिषेक हो या कोई और अपने चुनावी क्षेत्र में जाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जब हम राजनीति में संघर्ष कर रहे थे तब अभिषेक बनर्जी बच्चे थे। हालांकि, उन्होंने अभिषेक को तेज बुद्धि का भी बताया। 
  अभिषेक बनर्जी की अपमानजनक भाषा को लेकर दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री गुजराती हैं इसलिए यह जरूरी नहीं कि सभी गुजरातियों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाए। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि पीके की टीम के पास तृणमूल नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड तक हैं, लेकिन कई बार मैंने देखा कि अकाउंट से कई बार प्रधानमंत्री और राज्यपाल के लिए अभद्र भाषा वाले ट्वीट किए गए। त्रिवेदी ने बताया कि उन्होंने इन ट्वीट पर न सिर्फ सवाल उठाए बल्कि कई बार उन्हें ट्वीट डिलीट भी करने पड़े। दिनेश त्रिवेदी ने प्रशांत किशोर को हायर किए जाने को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह काफी शर्मनाक है कि खून-पसीने से पार्टी को खड़ा करने वालों को भी करोड़ों रुपये देकर हायर की गई कंपनी का एक कर्मचारी बताता है कि क्या करना है, रैलियों में कैसे बोलना है। उन्होंने कहा कि मेरे संसद में भाषण के बाद तृणमूल नेता ममता बनर्जी को बताते थे कि मैंने प्रधानमंत्री को अपशब्द नहीं बोले, गृहमंत्री को भला-बुरा नहीं बोला, क्या हमारा काम यही है? 
 

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