पटना। बिहार में राज्यपाल कोटा से होने वाले 12 विधान पार्षदों के मनोनयन पर सियासत शुरू हो गयी है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से डिमांड करते हुए कहा कि हम पार्टी को एक सीट मिलनी चाहिए। जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्होंने बहुत पहले ही बिहार में मंत्री पद के लिए एक सीट और राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन में एक सीट विधान परिषद के लिए डिमांड की थी, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार हो गया और उसमे उनकी पार्टी को जगह नही मिलीं। मांझी ने कहा कि उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा लेकिन अब राज्यपाल कोटे से होने वाले 12 विधान पार्षदों के मनोनयन में एक सीट हम पार्टी को मिलनी चाहिए।
जीतनराम मांझी ने कहा कि वो बार-बार अपनी बातों को नहीं कहते हैं। उन्होंने बहुत पहले ही एनडीए में इसकी चर्चा कर दी थी। मांझी कहते हैं कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार राज्यपाल द्वारा एमएलसी के मनोनयन में उन्हें एक सीट जरूर मिलेगी और इसकी पूरी तैयारी भी उन्हीने पूरी कर ली है। विधान परिषद की एक सीट पर जीतन राम मांझी ने भले अपनी दावेदारी एक बार फिर से पेश कर दी हो, लेकिन उनकी दावेदारी पर जदयू फिलहाल कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। मांझी की इस दावेदारी पर जदयू एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि जीतन राम मांझी को अपने बातों को रखने का पूरा हक है, लेकिन इस मामले पर फैसला मिल बैठकर ही किया जाएगा। बिहार विधान परिषद के लिए राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है और इस मसले पर आखिरी फैसला भी सीएम नीतीश का ही होगा।
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मांझी ने फिर से मांगी विधान परिषद की एक सीट -जदयू एमएलसी अनवर ने कहा- मिल बैठकर करेंगे विचार