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 पश्चिम बंगाल के चुनावी हिंसा में श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर बमों से हमला, 22 घायल, सात गंभीर

 पश्चिम बंगाल के चुनावी हिंसा में श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर बमों से हमला, 22 घायल, सात गंभीर

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में विस चुनाव होने से पहले राजनीतिक हिंसा तेज होने लगी है। कुछ दिन पहले ही भाजपा नेता पर बम और गोलियों से हमला किया गया था। अब बुधवार की देर रात कोलकाता लौटते समय मुर्शिदाबाद के निमतिता स्टेशन के पास सूबे के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर बमों से हमला किया गया। उन्हें कोलकाता लाकर एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी शारीरिक स्थिति स्थिर है। उनके पांव- हाथ और शरीर के अन्य हिस्से में जख्म है। इस घटना में मंत्री समेत 22 लोग जख्मी हैं। उनमें से कुछ को जंगीपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक का कहना है कि वह स्थिर और खतरे से बाहर है।
जानकारी हो कि मंत्री ट्रेन पकड़ने स्टेशन जा रहे थे। गाड़ी को छोड़कर जब वह प्लेटफार्म नंबर दो की ओर ट्रेन पकड़ने के लिए बढ़ रहे थे, उनके साथ उनके कई समर्थक व सहयोगी भी थे जो जाकिर हुसैन जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। उसी समय अचानक उन पर बम फेंका गया। इसके बाद वहां चीख-पुकार मच गई। हमला किसने और क्यों किया, इसकी पुलिस जांच कर रही है। घटनास्थल के आस-पास लगे क्लोज सर्किट टीवी कैमरों से बदमाशों की शिनाख्त करने की कोशिश की जा रही है।
लेकिन एक मंत्री पर हमला क्यों किया गया? हमले के पीछे कौन है? यह सवाल उठ रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक जाकिर हुसैन जिले के पशु तस्करों के खिलाफ उन्होंने राज्य सरकार से लिखित शिकायत की थी। इलाके के कुछ व्यापारियों के साथ उनका विवाद भी था। नतीजतन, हुसैन लंबे समय से टारगेट पर थे। इसके अलावा उनके करीबियों का कहना है कि पार्टी के जिले के कुछ नेताओं के साथ भी उनकी दूरी थी। कुछ दिन पहले ही जाकिर हुसैन ने रघुनाथगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन पर हमला हो सकता है। घायल जाकिर हुसैन को रात में जंगीपुर अस्पताल से कोलकाता रेफर कर दिया गया। जिले के तृणमूल अध्यक्ष अबू ताहेर ने कहा कि जल्द से जल्द हमलावर की गिरफ्तारी हो। उनकी एसपी से बात हुई है।
मुर्शिदाबाद से सांसद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा हुसैन पर हमला यह बताने को काफी है कि राज्य की कानून व्यवस्था कहां पहुंच चुकी है। वह ईमानदार छवि के नेता हैं और वह पशु तस्करों के खिलाफ आवाज उठाते थे। यही उनका अपराध है। राज्य में एक भी मंत्री सुरक्षित नहीं है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य का एक भी मंत्री सुरक्षित नहीं है। विपक्षी पार्टी पर हमला किया जा रहा है। यहां तक कि राज्य के मंत्री सुरक्षित नहीं है। अगर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ऐसी है तो आम आदमी की सुरक्षा कैसी यह समझा जा सकता है। 
 

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