क्या रिंकू शर्मा हत्या मामला अख़बारों के कोने में सिमट कर रह जाएगा ? मामला संवेदनशील है पर जिस प्रकार मानव अधिकार की दुहाई देने वाले चुप है नहीं लगता कि रिंकू शर्मा को इंसाफ मिल पाएगा | रिंकू शर्मा हत्या मामला इस प्रकार है कि दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में एक विशेष समुदाय द्वारा 11 फरवरी को रिंकू शर्मा की चाकू घोंप कर हत्या कर दी गयी। हत्यारे एक समूह में आये थे और रिंकू शर्मा के घर और परिवार के लोगों पर हमला करने लगे। उन्होंने रिंकू को घर से घसीटा और घर के पास ही उसकी पीठ पर चाकू मार दिया। साथ ही घरवालों को भी पीटा गया। घायल रिंकू को परिवार अस्पताल लेकर गया, जहां पहले से ही कुछ लोग मौजूद थे और उन्होंने अस्पताल के अंदर ही रिंकू पर फिर वार करना शुरू कर दिया जिसकी वजह से रिंकू की मौत हो गयी। कथित तौर पर कहा जा रहा है कि रिंकू ने कुछ दिनों पहले अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में योगदान देने के लिए रैली निकाल कर चंदा इकठ्ठा किया था। इस रैली को लेकर आरोपियों में गुस्सा था उस गुस्से को ही रिंकू शर्मा की हत्या करके निकाला गया है। रिंकू शर्मा और उनका भाई मन्नू शर्मा बजरंग दल के कार्यकर्ता भी थे। वह पूजा-पाठ करने में काफी आस्था रखते थे।
रिंकू शर्मा के भाई के अनुसार जिन लोगों ने रिंकू की हत्या की है उसकों रिंकू में काफी मदद भी की थी। आरोपियों के घर पर एक महिला गर्भवती थी तब रिंकू ने उस महिला को खून दिया था। इसके अलावा कोरोना काल में आरोपियों के परिवार के संक्रमित होने पर भी रिंकू ने उनकी मदद की थी। इंसानियत का हर ऐहसान भूल कर रिंकू को बेदर्दी से मार दिया गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस की टीम जांच कर रही हैं। शुरूआती जांच में दिल्ली पुलिन ने अपने बयान में कहा हैं कि ये एक व्यापारिक रुप से उपजे विवाद में की गयी हत्या है। धार्मिक एंगल न होने की पुलिस ने बात कही हैं लेकिन परिवार पुलिस की जांच से खुश नहीं है। पुलिस के बयान के विपरीप परिवार का कहना है कि आरोपियों के साथ उनका किसी भी प्रकार का कोई बिजनेस नहीं था। ये हत्या भगवान राम की रैली निकालने के गुस्से के कारण हुई हैं।
पुलिस के बयान के बाद अब सोशल मीडिया पर रिंकू को न्याय दिलाने की मांग तेज हो गयी है। पिछले तीन दिनों में लगातार हैशटैग #केजरीवाल_मुँह_खोल #RinkuKoKyonMaara #justicforrinkusharma के जरिए न्याय की मांग की जा रही है। लोगों का मानना है कि परिवार अगर पुलिस की बात को नकार रहा है तो इसके पीछे आखिर क्या कारण हैं। क्या पुलिस किसी दबाव में केस को रफादफा कर रही हैं। ऐसे कई सवाल सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं।
मंगोलपुरी के रिंकू शर्मा की बेरहम हत्या पर सबकी ख़ामोशी क्यों? क्या हम इतने संवेदनहीन हो गये हैं कि जिन बातों का विरोध करते रहे उन्हें स्वयं में समाहित कर लिया? एक निर्मम हत्या पर चुप्पी इसलिए क्योंकि वह 25 वर्षीय बालक रामभक्त था और बजरंग दल का हिस्सा था? इन दोनों में से कुछ भी होना अपराध है क्या? फिर ये चुप्पी कैसी? सोशल मीडिया का सेलेक्टिव आउटरेज लोगों को समझ नहीं आता। मामला हिंदू-मुसलमान का है इसलिए मुंह में च्युइंग गम भर लिया है तो ज़रा ग़ौर करें कि यहां साम्प्रदायिकता और कट्टरता थी ही नहीं। जबरन भगवा और हरा न भरें हर जगह. लड़ाई पार्टी में हुई थी।
मतभेद को मनभेद नहीं बनाना चाहिए, मनुष्यता सर्वोपरि है, विरोध विचारों का हो सकता है व्यक्ति का नहीं... जैसी बातें अब कूड़ेदान में डाल दें ।लेख के लिखते – लिखते एक समाचार अच्छा आ रहा है कि हत्या के कारणों को लेकर लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच इस मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच हत्या की असली वजह का पता लगाएगी। मामले में उठे हल्ले के बाद भाजपा ने रिंकू शर्मा की हत्या को लेकर आप पर निशाना साधा है। पार्टी ने दिल्ली सरकार से पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने के साथ-साथ मृतक के परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाए जाने की मांग भी की हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, स्थानीय भाजपा सांसद हंसराज हंस, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों ने रिंकू शर्मा के घर जाकर अपनी शोक संवेदनाएं भी प्रकट कीं और परिजनों को सांत्वना देते हुए हरसभंव मदद करने और न्याय दिलाने का भरोसा भी दिलाया।
(लेखक- अशोक भाटिया )
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क्या रिंकू शर्मा हत्या मामला अख़बारों के कोने में सिमट कर रह जाएगा ?