नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के दादरी में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के टीम ने एक निजी पैथोलॉजी लैब पर छापा मारा जो मुफ्त कोरोना वैक्सीन के नाम पर बिना अनुमति जायड्स कंपनी के वैक्सीन का ट्रायल कर रहे थे, पुलिस ने मौके से 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, साथ ही मामले के जांच के लिए टीम गठित की है। बिना अनुमति कोरोना वायरस की वैक्सीन के ट्रायल मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि जिन लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई थी, उन्हें एक ही बार में दोनों खुराक दे दी गई हैं। इससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ हो सकती है। जिला स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें लगातार इस केस की छानबीन कर रही हैं।
जांच में सामने आया है कि पैथोलॉजी लैब संचालक ने किसी को वैक्सीन के बारे में कुछ नहीं बताया था। लोगों को सिर्फ यह कहा गया था कि यहां कोरोना वायरस का टीका लग रहा है। वहां मौजूद कर्मियों ने एक साथ दोनों बाजू में टीके की दोनों डोज लगा दी। स्वास्थ्य विभाग उन 19 लोगों की पहचान में जुट गया है, जिन्हें टीके लगाए गए थे। जांच के दौरान इन सभी लोगों की पहचान कर ली गई है। इनमें 15 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। जांच में ये भी पता लगा है कि 19 लोगों में ज्यादातर दो परिवारों से जुड़े हैं। इसमें एक परिवार होम्योपैथिक चिकित्सा से जुड़ा हुआ है।
जांच में पता चला है कि गोपाल पैथोलाजी लैब को पंजीकृत भी नहीं कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में फ्लोरेंस हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी महेश चौधरी समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इनमें से चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। अब तक भारत में जिन वैक्सीन को इजाजत दी गई है उनमें नियम के मुताबिक कोरोना वैक्सीन लगाने में दो डोज में 28 दिन का फर्क होना चाहिए। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ और एक ही दिन में दो डोज दोनों हाथों में लगा दी गई।
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बिना इजाजत पैथोलॉजी लैब में 19 लोगों का लगाया कोरोना का टीका - पुलिस ने मौके से 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा