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 मंडी परिषद के 6 अधिकारियों पर गाज, एफआईआर के आदेश -भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा एक्शन 

 मंडी परिषद के 6 अधिकारियों पर गाज, एफआईआर के आदेश -भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा एक्शन 

लखनऊ। मंडी परिषद में जमकर हुए भ्रष्टाचार को संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 अफसरों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि उपनिदेशक हरीराम ने अयोध्या कार्यकाल में मंडी समिति अकबरपुर क्षेत्र के तहत 5 संपर्क मार्गों की मरम्मत का काम बिना निविदा स्वीकृति के कराकर अपने स्तर से ठेकेदार का चयन कर पैसों का हेरफेर किया। वहीं, उनको टेंडर प्रक्रिया में ठेकेदारों के पंजीकरण, विभागीय कार्यों में भ्रष्टाचार, बिना मुख्यालय से धन आवंटित हुए ठेकेदारों का भुगतान करने समेत कई मामलों में दोषी पाया गया है। निदेशक ने उन्हें निलंबित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
  मंडी परिषद के संयुक्त निदेशक निर्माण खंड गोपाल शंकर के खिलाफ निदेशक ने निलंबन का आदेश जारी करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। संयुक्त निदेशक पर 32 लाख 47 हजार 500 रुपये के हेरफेर समेत काम में शिथिलता बरतने का आरोप है। साल 2007 से लेकर 2014 तक आगरा के उपनिदेशक के कार्यकाल के दौरान बिना समाचार पत्रों में प्रचार-प्रसार कराए स्थानीय बाजार से कोटेशन के आधार और लोक निर्माण विभाग से एसओआर से अधिक दर पर सीमेंट खरीद पर 32 लाख 47 हजार 500 रुपये के हेरफेर किया गया है। इसके अलावा बुंदेलखंड पैकेज कार्यों में स्टील मद की दरें निर्धारण के लिए गठित समिति के सदस्य के रूप में लोक निर्माण विभाग के एसओआर से अधिक दरें निर्धारित करने की संस्तुति को लेकर स्वहस्ताक्षरित आदेश द्वारा बढ़ी हुई दरें प्रसारित करने और वाराणसी मंडी के कामों में शिथिल पर्यवेक्षण की पुष्टि हुई है। उपनिदेशक निर्माण, वाराणसी राम नरेश के खिलाफ उच्चाधिकारियों के नाम पर ठेकेदार संतोष सिंह सहित अन्य ठेकेदारों से अवैध धन वसूली की गई। जिसका ऑडियो वायरल होने के बाद उपनिदेशक के खिलाफ कार्यवाही हुई। इसके अलावा करनैलगंज के निर्माण कार्यों में शिथिलता, करनैलगंज के निर्माण कार्यों का गुणवत्तापरक न होने, नवीन मंडी स्थल बलरामपुर में एनजीटी के नॉर्म्स का पालन किए बिना घटिया क्वालिटी का निर्माण कराए जाने, ठेकेदारों को अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष अधिक धनराशि भुगतान करने समेत कई मामलों में दोषी पाए जाने पर निलंबन और अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश हुए हैं। उप निदेशक अशोक कुमार के खिलाफ निर्माण खंड मिर्जापुर के दायित्वों से पलायन और अनुशासनहीनता के आरोपों को देखते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
 

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