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 चीनी, शहद से ज्यादा खतरनाक!  -ताजा शोध में ‎किया गया यह दावा 

 चीनी, शहद से ज्यादा खतरनाक!  -ताजा शोध में ‎किया गया यह दावा 

नई दिल्ली  । एक बात तो तय है कि चीनी, शहद से ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इसमें किसी तरह के विटामिन्स या खनिज पदार्थ नहीं होते। पर इसका मतलब यह भी नहीं कि शहद का सेवन ठीक है। हम बात करें चीनी की जगह शहद इस्तेमाल करने की, तो इन दोनों के लेकर किए गए टेस्ट को आपको समझाना होगा। शहद और मधुमेह को लेकर हुए यह शोध इसी ओर इशारा करते हैं कि सीमित मात्रा में शहद का सेवन किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप शहद का सेवन करना चाहते हैं तो आप केवल डॉक्टर की सलाह पर ही ऐसा करें। शहद के ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) जांचा गया तो पता चला कि शहद का जीआई स्कोर 58 था। वहीं चीनी का स्कोर 60 जीआई। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप चीनी का सेवन करते हैं तो यह आपके रक्त में शुगर के लेवल को बढ़ा देगी। जबकि शहद में इसकी रफ्तार थोड़ी कम होगी। लेकिन स्कोर के मुताबिक यह बहुत ही कम अंतर होगा। 
अगर आप इंसुलिन की दवाई या इलाज करा रहे हैं तो भी शहद आपके लिए सही विकल्प नहीं होगा। इसके बाद भी आप चाहें तो शहद का सेवन कर सकते हैं। पर कुछ चीजें ध्यान रखें, जैसे कि इसकी गुणवत्ता और इसकी मात्रा। मधुमेह से पीड़ित और इसे होने के जोखिम से जूझ रहे लोगों को विशेषज्ञ हर उस खाद्य सामग्री को त्यागने की सलाह देते हैं, जिनमें शुगर का उपयोग किया गया। जबकि कुछ कहते हैं कि शहद का सेवन कम मात्रा में किया जा सकता है। लेकिन अगर आप इंसुलिन लेते हैं तो आपको अपने रोजाना की कार्बोहाइड्रेट की संख्या पर भी नजर रखनी होगी, ताकि आप यह तय कर सकें कि आपको किस मात्रा में इंसुलिन की खुराक लेना है। टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों को यह बात समझनी होगी कि उन्हें कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की मात्रा का खास ध्यान रखना होगा। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो इससे उनके खून में शुगर का लेवल बढ़ जाएगा। ऐसे में जरूरी है कि आप शहद का सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में करें। इसके लिए आप अपने डॉक्टर और अन्य विशेषज्ञ की सलाह भी ले सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज़ को लेकर सभी विशेषज्ञों की राय भी एक सी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि शहद के अंदर एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। यह गुण उन लोगों के लिए फ़ायदेमंद हैं जिन्हें अक्सर सूजन की समस्या रहती है। हालांकि, इन तत्वों के लिए केवल शहद ही एक विकल्प नहीं है। इसके लिए अन्य खाद्य सामग्री का सेवन कर सकते हैं।
 मधुमेह और शहद को लेकर बहुत से शोध हुए हैं, जिनमें से कुछ जानवरों पर किए गए हैं तो कुछ इंसानों पर। इन शोधों में बहुत से अलग परिणाम सामने आए हैं जो इस प्रकार हैं। हाल ही में एक अध्ययन हुआ जिसमें 2 लोगों को 5 से 25 ग्राम तक शहद चार महीने तक दिया गया और पाया गया कि इनका हीमोग्लोबिन कम हो गया है। वहीं, कुछ अन्य लोगों को शहद की अधिक मात्रा दी गई। जिसके बाद इन लोगों को हीमोग्लोबिन बढ़ा हुआ पाया गया। लेकिन इस अध्ययन पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह कुल 64 लोगों पर किया गया था, जिसमें से भी बहुत कम लोगों को शहद का डोज दिया गया था। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि शहद टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फ़ायदेमंद है या नहीं। इसके अलावा एक अन्य अध्ययन में 48 लोगों को शामिल किया गया। जिसमें से 8 लोगों को दिनभर में शहद की एक खुराक दी गई, वह भी 8 सप्ताह तक। जिनके परिणाम को देखकर भी आप शहद के सेवन का रुख करते हैं।
 

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