शिमला। 26 फरवरी से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। सीएम जयराम ठाकुर अपना चौथा बजट पेश करेंगे। इसके लिए विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा में सरकार की सदन के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर घेरेबंदी की बिसात बिछाने के लिए लगातार मंथन चल रहा है। यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के अलावा माकपा और वामपंथ से जुड़े सीटू, एसएफआई,डीवाईएफआई समेत अन्य संगठन सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि किसान आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार कांग्रेस का मुख्य मुद्दा रहेगा। राठौर ने कहा कि कांग्रेस के विधायक सदन के भीतर आक्रामक रहेंगे और जनहित से जुड़े मुद्दों पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला जाएगा, सदन हो या सड़क दोनों जगह सरकार के खिलाफ बड़े स्तर प्रदर्शन किया जाएगा। 68 सीटों वाली हिमाचल विधानसभा में माकपा का एकमात्र विधायक है। ठियोग से माकपा विधायक राकेश सिंघा अकेले जरूर हैं लेकिन कई बार ये देखा गया है कि अकेले दम पर सरकार को घेरने का माद्दा रखते हैं। माकपा विभिन्न विभागों में खाली पद, सड़क, शिक्षा,बेरोजगारी से लेकर तमाम ज्वलंत मुद्दों को लेकर विधानसभा के घेराव की तैयारी कर रही है लेकिन अब तक वामपंथी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। छात्र अभिभावक मंच ने एलान किया है कि निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ 5 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा का कहना है कि इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से अभिभावक जुटेंगे। हालांकि शिक्षा मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर एलान कर चुके हैं कि निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए सरकार वर्ष 1997 के कानून में संशोधन कर कानून को कड़ा रूप देगी लेकिन छात्र अभिभावक मंच अलग से नए और कड़े कानून की मांग कर रहा है।
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हिमाचल बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने में जुटा विपक्ष -किसान आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मद्दों पर सदन में होगा घमासान