श्रीलंका में ईस्टर पर हुए आतंकी हमले के बाद देश में भड़की सांप्रदायिक हिंसा मंगलवार को भी जारी रही। हिंसा के दौरान सोमवार रात को पहली मौत हुई। इसके बाद लगातार दूसरे दिन भी देशभर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई। वहीं देश के जिन हिस्सों में हिंसा भड़की है। उत्तर पश्चिमी प्रांत में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रांत में सोमवार को भीड़ के हमले में एक मुस्लिम व्यक्ति की मौत हो गई थी। श्रीलंका पुलिस ने मुस्लिम विरोधी हिंसा भड़कने पर सोमवार को देशभर में कर्फ्यू लगा दिया था। सिंहली समुदाय के लोगों ने मुसलमानों की दुकानों एवं वाहनों को आग लगा दी और लोगों ने मकानों एवं मस्जिदों में भी तोड़फोड़ की। श्रीलंका सरकार ने हिंसक घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर भी फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस ने बताया कि उसने हिंसा को भड़काने वाले दो प्रमुख लोगों समेत 20 अन्य को गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमसिंघे ने बताया कि पुलिस दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्हें जमानत नहीं दी जाएगी। उन्हें 10 साल के लिए जेल में कैद भी किया जा सकता है।
मुस्लिमों ने कहा कि दंगाइयों ने उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया और कर्फ्यू के बावजूद आगजनी की। श्रीलंका सरकार ने ईस्टर पर आतंकी हमले करने वाले नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) समेत तीन इस्लामिक चरमपंथी समूहों को प्रतिबंधित कर दिया है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार को कई चरमपंथी संगठनों को प्रतिबंधित करने के आदेश वाला असाधारण गजट जारी किया। गजट के अनुसार, नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे), जमाते मिलायते इब्राहिम (जेएमआई) और विलायत अस सेयलानी (डब्ल्यूएएस) संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है। राष्ट्रपति सिरीसेना ने अगले नोटिस तक देश में ड्रोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है।
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श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा में एक की मौत - पुलिस ने 22 लोगों को किया गिरफ्तार