नई दिल्ली । पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को अब एक साल हो गया है। इस बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने कहा कि दंगे के बाद स्थिति जब सामान्य हो रही थी तब हमने विभिन्न समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत की। इससे लोगों को विश्वास पैदा हुआ और फिर तब जाकर स्थिति सामान्य हुई। कमिश्नर ने कहा कि दंगों के मामले में 755 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 1,800 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दंगों की साजिश रची उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हुई है। अब तक 350 से ज्यादा मामलों में चार्जशीट दाखिल हो गई है और 400 से ज्यादा मामलों को हल कर लिया गया है और जो कोर्ट में विचाराधीन हैं। वहीं, सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि 'टूलकिट' नामक कुछ भी ऐसा नहीं है, लेकिन यदि आप इसका उपयोग गलत सूचना के लिए करते हैं, जो हिंसा का कारण बनती है, तो यह स्वीकार्य नहीं है और यहा इसका यही आशय था। इस मामले में अभी दिल्ली पुलिस की जांच जारी है। कमिश्नर ने कहा कि सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी की जानी चाहिए और जो कोई भी अराजकता फैलाता है या नुकसान पहुंचाता है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि 'सेफ सिटी' कार्यक्रम भारत सरकार की एक परियोजना है। पहले चरण में, दिल्ली में 10,000 कैमरे लगाए जाएंगे। उनके स्थान तय कर लिए गए हैं। मार्च तक, उन्हें लगाने का निर्णय लिया जाएगा और लगाने का काम 8-10 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों के बच्चे को जो भी संभव हो वह लाभ दे दिए गए हैं। इस वर्ष 190 अनुकंपा नियुक्तियां दी गई हैं, जिसमें पत्नियों और बच्चों को शामिल किया गया है।
रीजनल नार्थ
संवाद से लोगों में विश्वास बढ़ा फिर स्थिति सामान्य हुई: पुलिस कमिश्नर