लखनऊ । भले ही समाजवादी पार्टी उप्र विधानमण्डल के उच्च सदन मंे बहुमत में हो लेकिन बावजूद इसके सूबे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 का ध्वनिमत से पारित करा लिया। हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी ने जमकर विरोध और हंगामा किया। जिसके चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित भी करनी पड़ी। अन्ततोगत्वा अब यह कानून का रूप ले लेगा। इसे कानून बनने के लिए अब सिर्फ राज्यपाल के हस्ताक्षर की प्रतीक्षा करनी होगी।
उत्तर प्रदेश विधान मंडल बजट सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार ने लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए लाए गए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को विधान सभा में बुधवार को पास कराया था। सरकार ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के भारी हंगामे के बीच यह विधेयक विधान परिषद से भी पास करा लिया। उत्तेजित सपा के सदस्यों ने वेल में आकर विधेयक की प्रतियां फाड़कर सभापति पर फेंकी। इस पर सदन की कार्यवाही दस मिनट तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद कार्यवाही शुरू हुई तो भी हंगामा जारी रहा। इस पर 15 मिनट के लिए सदन फिर से स्थगित करना पड़ा। लेकिन शोर-षराबे और हंगामें के बीच विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।
जानकारी के मुताबिक 28 नवंबर, 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश जारी किया था, जिसे योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने 24 नवंबर, 2020 को मंजूरी दे दी थी। इस कानून के जरिए सूबे में छल-कपट अथवा जबरन कराए गए धर्मांतरण के मामलों में एक से 10 वर्ष तक की सजा का प्राविधान है। इसके साथ ही धर्मांतरण करने के लिए साठ दिन पूर्व जिलाधिकारी अथवा संबंधित अपर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष तय प्रारूप के तहत आवेदन करना भी अनिवार्य है। सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में कठोर सजा व संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण निरस्त करने का प्राविधान है।
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सपा के भारी विरोध के बावजूद लव जिहाद विधेयक विप से पारित