
नई दिल्ली। भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में करारी हार के बाद इंग्लैंड टीम अहमदाबाद की पिच पर सवाल उठा रही है। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट का मानना है कि पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त थी या नहीं, यह फैसला करना खिलाड़ियों का काम नहीं है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) फैसला लेगी। चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड की हार के बाद भी पिच पर सवाल उठाए गए थे। वहीं, अहमदाबाद की पिच पर सवाल उठाने वालों को भारतीय टीम के पूर्व महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि इसी पिच पर रोहित शर्मा और जैक क्रॉउली ने अर्धशतक जमाए। इंग्लैंड रन बनाने की बजाए विकेट बचाए रखने के बारे में सोच रहा था। पूर्व दिग्गज ओपनर ने कहा कि अक्षर पटेल और आर अश्विन ने शानदार गेंदबाजी की।
फिलहाल पिच के विवाद के बीच ये जानना जरूरी है कि एक खराब पिच क्या होती है। आईसीसी के नियम के अनुसार एक खराब पिच वो होती है, जहां पर बल्ले और गेंद के बीच बराबरी का मुकाबला नहीं होता। या तो उस पिच पर बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा मदद मिलती है और गेंदबाजों को पिच से कोई भी मदद ना मिले, चाहे वो तेज गेंदबाज हो या स्पिनर। वहीं, उसी पिच पर गेंदबाजों को भरपूर मदद मिल रही हो और बल्लेबाजों को रन बनाने का मौका ना मिल रहा हो। अगर मैच भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान या बांग्लादेश में हो रहा है तो यहां पहले दिन से स्पिनरों को मदद मिलना तय माना जाता है, जो स्वीकार्य भी है। आईसीसी का नियम कहता है- हालांकि असमान उछाल स्वीकार्य नहीं है। ये तय है कि जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा पिच से स्पिनरों को और मदद मिलेगी और असमान उछाल भी हो सकता है। अगर ये सब होता है, तब भी पिच को खराब नहीं करार दिया जा सकता। अहमदाबाद की पिच पर 30 में से 28 विकेट स्पिनरों ने चटकाए। पिच से स्पिनरों को मदद मिली, जिसके कारण इंग्लैंड के पार्ट टाइम स्पिनर जो रूट ने 5 विकेट झटके। हालाकि 2018 के बाद से किसी भी अंतरराष्ट्रीय पिच को खराब की रेटिंग नहीं दी गई है। 2018 में आईसीसी ने साउथ अफ्रीका की वांडरर्स की पिच को आशानुरूप खराब करार दिया था। इससे पहले, 2017 में पुणे की पिच को आईसीसी ने खराब करार दिया था। यहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला हुआ था। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 260 और दूसरी पारी में 285 रन बनाए थे, जबकि भारत की पहली पारी 105 और दूसरी पारी 107 रनों पर सिमट गई थी। ये मैच तीन दिन में खत्म हो गया था और भारत को 333 रनों से हार मिली थी। अगर किसी पिच को खराब करार दिया जाता है तो उसे तीन डिमेरिट प्वाइंट दिए जाते हैं। नियमों के अनुसार मैच रेफरी जिस मैच स्थल की पिच को औसत से कमतर करार देता है उसे एक डिमेरिट प्वाइंट दिया जाता है, जबकि जिन पिचों को ‘खराब’ और ‘अनफिट’ करार दिया जाता है उन्हें क्रमश: तीन और पांच डिमेरिट प्वाइंट मिलते हैं। आईसीसी के अनुसार डिमेरिट प्वाइंट्स पांच साल तक प्रक्रिया में बने रहते हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आयोजन के लिए उसे 12 महीने के लिए निलंबित किया जाता है