नई दिल्ली । कुछ लोग अपने पार्टनर की लाइफ को डिजिटली कंट्रोल करने का प्रयास करते हैं। साइबर स्पेस फर्म कैस्परस्काई की रिपोर्ट में सामने कि भारत में लगभग 4,627 मोबाइल यूजर्स को स्टॉकरवेयर का शिकार होना पड़ा है। स्टॉकरवेयर घरेलू हिंसा के क्षेत्र में उपयोग किया जाने वाला एक गुप्त निगरानी सॉफ्टवेयर है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अगर महामारी और लॉकडाउन नहीं होता, तो आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता था। स्टॉकरवेयर ऐप्स को नकली ऐप के नाम से फोन में छिपाया जाता है। इन संदिग्ध ऐप्स की पहुंच आमतौर पर यूजर के मैसेज, कॉल लॉग्स और व्यक्तिगत गतिविधि तक होती है। उदाहरण से समझाते हुए कैस्परस्काई ने बताया कि वाई-फाई नाम का ऐप, जो यूजर की जियोलोकेशन तक पहुंच रखता है, एक संदिग्ध ऐप है। स्टॉकरवेयर साइबर हिंसा का एक रूप है और एक वैश्विक घटना है जो आकार, समाज या संस्कृति की परवाह किए बिना देशों को प्रभावित करती है। 2020 में कुल 53,870 मोबाइल यूजर वैश्विक स्तर पर स्टॉकरवेयर से प्रभावित थे। 2019 में कैस्परस्काई ने 67,500 प्रभावित मोबाइल यूजर्स को ढूंढा था। रिपोर्ट में बताया कि यह आश्चर्यजनक है कि वैश्विक स्तर पर स्टॉकरवेयर से प्रभावित यूजर्स की संख्या में मार्च से जून 2020 तक गिरावट रही। यह दुनिया भर में लॉकडाउन की शुरुआत का समय भी था।
साइंस & टेक्नोलॉजी
अब स्टॉकरवेयर ऐप के जरिए अपनों की जासूसी