कोलकाता । पश्चिम बंगाल में भाजपा के जय श्रीराम के आक्रामक उद्घोष के जबाव में अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पकड़ ली है। कहा जा रहा है कि भाजपा के श्री राम के सामने अब ममता के शिव होंगे। दरअसल, भाजपा 'श्री राम' के नाम पर लगातार ममता दीदी को घेरने की कोशिश करती आई है और यह दिखाने का प्रयास किया है कि वह श्री राम के खिलाफ हैं। हालांकि, भाजपा ने कई बार ममता दीदी और तृणमूल से सवाल भी पूछा है कि आखिर 'जय श्री राम' के नारे से उन्हें दिक्कत क्या है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ममता बनर्जी 11 मार्च को अपना नामांकन दाखिल कर सकती हैं और उन्होंने यह दिन इसलिए चुना है क्योंकि 11 तारीख को महाशिवरात्रि है। भाजपा की तरफ 'राम द्रोही' करार दी जा चुकी ममता बनर्जी ने भोलेनाथ से सहारा मांगा है और भोलेनाथ यानि शिव का हाथ पकड़कर अब वह बंगाल की राजनीति में अपना पासा चलने वाली हैं। ममता बनर्जी के नंदीग्राम से 11 मार्च को नामांकन दाखिल करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसके साथ ही नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस का चुनावी कार्यालय बनाया जा रहा है। वहीं, चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार की जा चुकी है और ममता बागियों को मजा चखाने के लिए पैदल चुनावी यात्रा करेंगी।
दरअसल, नंदीग्राम तृणमूल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी की सीट है। राजनीति में हमने यह जरूर देखा है कि चाहे प्रधानमंत्री हों या फिर मुख्यमंत्री, उनकी पारम्परिक सीट पर उन्हें चुनौती तो मिलती ही है। लेकिन ऐसा पहली बार देखा जा रहा है, जब कोई मुख्यमंत्री अपने बागी नेता की चुनौती पर उसी से गढ़ में कूदा हो और बागी को ही चुनौती दी हो। दूसरी तरफ शुभेंदु अधिकारी ने भी ऐलान किया है कि उनकी पार्टी भाजपा उन्हें नंदीग्राम से टिकट दे या फिर न दे, लेकिन वह ममता बनर्ती को यहां से हराने की जिम्मेदारी लेते हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा शुभेंदु अधिकारी को नंदीग्राम से टिकट दे सकती है।
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बंगाल: ममता 'दीदी' भी सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पर, महाशिवरात्रि पर भरेगी पर्चा