मुंबई, । एक महीने से महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद खाली है उस पर तुरंत चुनाव करने के आदेश राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दिया लेकिन राज्य सरकार ने राज्यपाल के आदेश का पालन नहीं किया है. अब विधानसभा में भाजपा ने मुद्दा उठाकर सरकार को जमकर घेरा है. यहां तक कि भाजपा ने ये भी कहा कि राज्यपाल के आदेश का पालन नहीं होने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है. दरअसल बीजेपी सदन के अंदर और बाहर सवाल पूछ रही है कि महाराष्ट्र सरकार विधानसभा अध्यक्ष पद चुनाव करवाने से क्यूँ क्यों कतरा रही है? पूर्ण बहुमत होने के बाद भी क्यों राज्यपाल के आदेश को नजर अंदाज किया जा रहा है? क्या सरकार को ये अधिकार किसने दिया है? क्या राज्यपाल के आदेश से ऊपर है महाराष्ट्र सरकार? बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने विधान सभा में कहा कि, "अगर राज्यपाल के आदेश का पालन नहीं हुआ तो राष्ट्रपति शासन महाराष्ट्र में लग सकता है." बता दें कि राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए जो पैरामीटर संविधान में तय किए गए हैं उनमें से एक है कांस्टीट्यूशनल फेलियर और अगर राज्यपाल के आदेश के बाद भी सरकार विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद को बहुमत होने के बाद भी रिक्त रखने की फिराक में होगी तो हो सकता है कि इस मुद्दे पर राज्यपाल कोई कड़ा कदम उठा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक पिछले 30 दिनों से विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली है. महाराष्ट्र विधान सभा के इतिहास में इतने दिन तक विधानसभा का अध्यक्ष पद खाली नहीं रखा गया. सुधीर मुनगंटीवार ने विधान सभा में पिछले सालो का उदाहरण देते हुए कहा कि, 17 फरवरी 1980 को शरद पवार की सरकार इंदिरा गांधी ने बर्खास्त कर दी थी इसकी वजह थी संवैधानिक प्रशासन के अस्तित्व में न होना. संविघान के मुताबिक शासन व्यवस्था को ठीक तरीके से न चलना बताया गया था. गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में शिवसेना ने एनसीपी तथा कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी और कांग्रेस के पास विधानसभा अध्यक्ष पद था. कांग्रेस ने नाना पटोले को अध्यक्ष बनाया था लेकिन एक साल बाद उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद सौंपी गई और उन्हें पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को कहा तब से विधानसभा अध्यक्ष पद खाली है. ऐसे में देखना जरूरी होगा की राज्यपाल क्या फैसला लेते हैं.
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महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल में विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर टकराव - राज्यपाल के आदेश का पालन नहीं होने पर राष्ट्रपति शासन- सुधीर मुनगंटीवार