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 भारत के खिलाफ गंदा बोलने वाले बिकाऊ लोग-योगी आदित्यनाथ

 भारत के खिलाफ गंदा बोलने वाले बिकाऊ लोग-योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत आज जिस रूप में है, उसकी सीमाएं उत्तर से दक्षिण तक अगर आज भी उस रूप में बनी हैं तो उसका श्रेय भगवान राम को जाता है। सांस्कृतिक रूप से उत्तर और दक्षिण के बीच खाई को पाटने का काम भगवान राम ने किया। भारत गणराज्य सांस्कृतिक भारत की ठोस आधारशिला पर खड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यहां उपासना विधि को लेकर विवाद खड़ा करते हैं। तोड़ने के प्रयास में रहते हैं। वह अंकोरवाट में इस बात को स्वतंत्र होकर बोल सकता है। भारत में बोलेंगे तो सेकुलरिज्म को खतरा हो जाएगा। जितने लोग भारत के खिलाफ गंदा बोलते हैं, वे बिकाऊ लोग हैं। चंद पैसों के लिए अपनी आत्मा बेचते हैं, जूठन खाते हैं। भारतीय संस्कृति और समृद्ध परंपरा के बारे में जो दुष्प्रचार कर रहे वे ना घर के हैं ना घाट के।
मुख्यमंत्री शनिवार को यहां रामायण विश्व महाकोश के प्रथम संस्करण (कर्टेन रेजर वॉल्यूम) का विमोचन एवं कार्यशाला का उद्घाटन किया। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के प्रेक्षागृह में इस अवसर पर उन्होंने रामायण तथा महाभारत की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रामायण और महाभारत की कहानियां हमें बहुत कुछ बताती हैं। रामायण और महाभारत की कहानियां हमें बहुत कुछ सिखाती हैं। यह सिर्फ हमारी मानसिकता का अभाव है कि बहुत सारे लोगों अयोध्या में ही भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर प्रश्न लगाने का काम किया। यह जो विकृत मानसिकता है, यही भारत को अपने गौरव से दूर करती यही है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन हिन्दू धर्म परम्परा के अनुसार जिन सात नगरों को हम सप्तपुरियों के रूप में जानते हैं। उसमें से तीन अयोध्या, मथुरा, काशी तो उत्तर प्रदेश में ही हैं। सनातन हिन्दू धर्म की आत्मा उत्तर प्रदेश में निवास करती है। रामायण विश्वकोश तैयार करना हमारे लिए गौरव की बात है। यह अभियान भगवान राम के बारे में बहुत सारी जानकारियां देगा। बीते चार वर्ष चार वर्ष के दौरान तमाम देशों की रामलीलाओं का मंचन अयोध्या में हुआ। उन्हें भारत के बारे में जानकारी हो या ना हो राम के बारे में है। उन्होंने कहा कि भारत में पूरब से पश्चिम तक विस्तार के बारे में आज भी हमें धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से समझने को मिलता है। उन्होंने कहा कि मलेशिया में लोग कहते हैं हो सकता है हमने किन्हीं परिस्थितियों में इस्लाम कबूल किया पर हमारे पूर्वज तो राम ही हैं। आप पश्चिम में आइए, जो तक्षशिला है, वो भरत के पुत्र के नाम पर है। हमने इसे विस्मृत कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी ताकतें आकर हमें गुलाम बना गईं, पर हमारे जातीय झगड़े खत्म नहीं हुए। इन्हें खत्म किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। भारतीय संतों की परंपरा को विकृत रूप में प्रस्तुत करने का माध्यम कुंभ बन गया था। हमारे आयोजन को गंदगी, अव्यवस्था और अराजकता के रूप में प्रस्तुत करना एक वैश्विक षणयंत्र है। हमने इसे बदला। हमने प्रदेश और देश के अंदर छह वैचारिक कुंभ किए। 2019 से स्वच्छता, सुव्यवस्था का नया मानक कुंभ के रूप में पेश किया। इसके बाद यूनेस्को को भी कहना पड़ा यह मानवता की अमूर्त धरोहर है।
 

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