शिमला। हिमाचल के ऊना जिला के शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मंदिर में वीआईपी दर्शन कराने के लिए रिश्वत लेने का भंडाफोड़ हुआ है। रिश्वत किसी श्रद्धालु से नहीं, बल्कि सरकारी अफसर एसडीएम मनीष यादव से ही मांग ली गई। दर्शन कराने के लिए रिश्वतखोरी की शिकायत पर औचक निरीक्षण करने एसडीएम अंब मनीष भेष बदलकर चिंतपूर्णी मंदिर पहुंचे थे।
एक दुकान से बने चोर दरवाजे से लाइन में घुसने के लिए एसडीएम अंब मनीष यादव से दुकान में तैनात एक व्यक्ति ने 1100 रुपये मांग लिए। इतना ही नहीं यहां से मेन बाजार में पहुंचने पर ड्यूटी दे रहे एक होमगार्ड जवान ने एसडीएम से लाइन में घुसने के लिए 500 रुपये की मांग कर डाली। बाद में असलियत का खुलासा कर एसडीएम अंब ने चार दुकानों को सील करने के आदेश दिए। होमगार्ड जवान को ड्यूटी से हटा दिया। एसडीएम अंब मनीष यादव को चोर रास्तों को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। इस पर एसडीएम ने रविवार दोपहर को चिंतपूर्णी मंदिर का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने भेष बदलकर यहां सबसे पहले कुछ दुकानों के अंदर बने चोर रास्तों का निरीक्षण किया, जोकि मंदिर के साथ मेन बाजार से मिलते हैं। यहां एक दुकानदार के नौकर ने शार्टकट तरीके से दर्शन करवाने की एवज में एसडीएम अंब से 1100 रुपये की मांग कर डाली। एसडीएम के नए होने के कारण दुकानदार व होमगार्ड उन्हें नहीं पहचान पाए। एसडीएम मनीष यादव ने कहा कि उनको शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने साधारण भेष में चल रही गड़बड़ पकड़ ली।
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चिंतपूर्णी मंदिर में वीआइपी दर्शन कराने को एसडीएम से मांग ली 1100 रुपये की रिश्वत -घूसखोरी की शिकायत पर औचक निरीक्षण करने एसडीएम भेष बदलकर पहुंचे थे चिंतपूर्णी मंदिर