यह फिल्मी दुनिया है जहां रातो-रात कोई स्टार बन जाता है तो कई पूरी जिंदगी महज एक अच्छे रोल के लिए तरसते रह जाते हैं। ऐसे में भटट् कैंप की एक फिल्म जन्नत आई थी, जिसने साउथ की हिरोइन सोनल चौहान को रातोंरात स्टार बनाने का कमाल किया। इस फिल्म के बाद तो हर तरफ सिर्फ और सिर्फ सोनल की ही चर्चा हो रही थी। मानों सोनल का करियर महज एक फिल्म से ही सातवें आसमां पर पहुंच गया। अब सवाल यह उठता है कि इतनी सुर्खियां और प्यार मिलने के बावजूद सोनल बड़े पर्दे से नदारद क्यों रहती हैं। दरअसल 2005 में मिस वर्ल्ड टूरिज्म से नवाजे जाने के साथ ही सोनल ने मॉडलिंग को ही चुना था और दुनिया में उनका अपना एक मुकाम भी है। इससे हटकर सोनल ने सिंगर-कंपोजर हिमेश रेशमिया के एल्बम तेरा सुरूर से करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद भी उन्हें बॉलीवुड में कुछ खास रिस्पॉंस नहीं मिला, जिस कारण उन्होंने साउथ का रुख किया। साउथ में उन्हें अच्छा काम भी मिला, लेकिन यहां तो जन्नत ने ही उन्हें फेमस किया और उसके आगे वो दहलीज लांघ भी नहीं पाईं। बताया जाता है कि जन्नत फिल्म के डायरेक्टर कुनाल देशमुख ने जब सोनल को मुबंई के एक रेस्टोरेंट में देखा तो उन्होंने पहली ही नजर में उन्हें अपनी फिल्म की हीरोइन बनाने की ठान ली। महज हफ्तेभर में ही सोनल को फिल्म के लिए कास्ट भी कर लिया गया। वैसे जन्नत के बाद पहला सितारा, बुड्ढा होगा तेरा बाप और 3जी जैसी फिल्में भी उन्होंने कीं, लेकिन प्रसिद्धि हासिल नहीं हो सकी। जेपी दत्ता की फिल्म पलटन में सोनल आखिरी बार नजर आई थीं। यह बात अलग है कि सोनल ने साउथ की जो फिल्में कीं उन्हें सुपरहिट फिल्में भी शामिल हैं और वहां उन्हें लाइक भी किया जाता रहा है।
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साउथ की चहेती सोनल चौहान नहीं चलीं बॉलीवुड में