देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजी अमेरिका की आईबीएम से 1.8 अरब डॉलर के सॉफ्टवेयर एसेट्स खरीद रही है। इसके तहत आईबीएम के करीब 2,000 कर्मचारियों को भी अपनी कंपनी में रखेगी। आईबीएम की एसेट्स में मार्केटिंग ऑटोमेशन प्रोजेक्ट्स, नोट्स, ईमेल एप्लिकेशन शामिल हैं और जून तक यह सौदा पूरा हो सकता है। आईबीएम से एपस्कैन (एप्लिकेशन के सेफ डिवेलपमेंट के लिए), बिगफिक्स (सुरक्षित डिवाइस मैनेजमेंट के लिए), यूनीका (मार्केटिंग ऑटोमेशन के लिए), कॉमर्स (विभिन्न चैनल पर ई-कॉमर्स के लिए), पोर्टल (डिजिटल अनुभव के लिए), नोट्स और डोमिनो (ईमेल और कम कोड में एप्लिकेशन के तेज डिवेलपमेंट के लिए) और कनेक्शन (वर्कस्ट्रीम कोलैबोरेशन के लिए) जैसे प्रॉडक्ट्स मिलने एचसीएल की दुनिया भर में 5,500 से अधिक क्लाइंट्स तक पहुंच हो जाएगी। भारतीय कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्सेज (एचआर) ऑफिसर अप्पाराव वीवी ने बताया, 'हमारे यहां प्रॉडक्ट्स और प्लेटफॉर्म्स सेगमेंट मोड 3 की अपनी सेल्स टीम है, लेकिन आईबीएम के प्रॉडक्ट्स के साथ हम उसके 1,500-2,000 कर्मचारियों को भी अपने यहां रखने वाले है।
एचसीएल इधर ट्रेडिशनल सॉफ्टवेयर सर्विसेज के मुकाबले प्रॉडक्ट्स या इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज (आईपी) से जुड़े बिजनेस को तेजी से बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और आईपी बिजनेस को कंपनी ने मोड 2 और 3 कैटेगरी में डाला है। इनका कंपनी की आमदनी में 28 प्रतिशत से कुछ अधिक योगदान है। मोड 1 ट्रेडिशनल सर्विसेज बिजनेस है, जिसमें एप्लिकेशन डिवेलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग और इंजीनियरिंग सर्विसेज शामिल होते हैं। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने बताया कि वह इनोवेशन लैब्स और दूसरे क्षेत्रों में बड़ा निवेश कर रही है। कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में आईबीएम से 8 आईपी-बेस्ड प्रॉडक्ट्स को खरीदने की घोषणा की थी, जिससे वह 50 अरब डॉलर के बाजार को टारगेट कर सकती है। एचसीएल का मानना है कि आईबीएम के प्रॉडक्ट्स खरीदने से कंपनी को 'हजारों' ग्लोबल कंपनियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
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सॉफ्टवेयर एसेट्स डील में आईबीएम के 2000 कर्मचारियों को भी अपने यहां रखेगी एचसीएल