उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव का 7वां चरण कई बाहुबलियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगा। चुनाव के आखिरी चरण में आपराधिक प्रवृत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक है। 7वें चरण में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, कुशीनगर, वाराणसी, गोरखपुर, बांसगांव, गाजीपुर, सलेमपुर, मिर्जापुर, बलिया, घोसी, देवरिया, चंदौली और राबर्ट्सगंज में 19 मई को वोट डाले जाएंगे। इन सीटों पर अतीक अहमद, अजय राय और अतुल कुमार सिंह सहित 26 प्रतिशत आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी मैदान में है। आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार दागी प्रत्याशियों की तादाद में चार फीसदी बढ़ी है। वर्ष 2014 के चुनाव में 19 प्रतिशत दागी थे जो 2019 में बढ़कर 23 प्रतिशत हो गए हैं। इसमें से 22 प्रतिशत प्रत्याशी गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। 17वीं लोकसभा में यूपी की 80 सीटों पर कुल 979 प्रत्याशियों में से 958 के शपथ पत्रों का विश्लेषण एडीआर ने किया, जिसमें 220 प्रत्याशियों ने अपना आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया जो 23 प्रतिशत है। इनमें से 181 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया जो 19 प्रतिशत है। 358 प्रत्याशियों ने अपने को करोड़पति घोषित किया जो 37 प्रतिशत है।
सबसे ज्यादा आपराधिक मामले में अतीक अहमद पहले स्थान पर है, जो निर्दलीय वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे स्थान पर अजय राय है, जो कांग्रेस पार्टी की तरफ से वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं,जिनके ऊपर 8 आपराधिक मुकदमें पंजीकृत है। तीसरे नंबर पर अतुल कुमार सिंह जो बसपा के टिकट पर घोसी से चुनाव लड़ रहे हैं।
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लोकसभा चुनाव का 7वां चरण तय करेगा बाहुबलियों का राजनीतिक भविष्य