मुंबई । महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) ने सरकारी नौकरियों के लिए 14 मार्च को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा को एक बार फिर टाल दिया है। इससे पहले 4 बार यह परीक्षा टाली जा चुकी है। इसके विरोध में पुणे, नासिक और नागपुर जैसे शहरों में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है। विवाद बढ़ता देख सीएम उद्धव ठाकरे ने एक हफ्ते के भीतर परीक्षा करवाने का आश्वासन दिया है।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और एनसीपी ने भी आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने अपनी सरकार के फैसले को लेकर सवाल किए हैं। पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, 'अगर सरकार शादी समारोह, बजट सत्र और स्वास्थ्य विभाग के लिए परीक्षा लेने की इजाजत दे सकती है तो फिर एमपीएससी की परीक्षा को रद्द करना गलत है।' उन्होंने कहा कि यह अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी है। ‘वे कब तक एमपीएससी के लिए तैयारी करेंगे? अगर सरकार अन्य कार्यक्रमों की इजाजत दे सकती है तो उसे एमपीएससी के लिए अलग मापदंड नहीं अपनाना चाहिए।'
वहीं एनसीपी विधायक और पार्टी प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार ने ट्वीट किया कि परीक्षा निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से कराई जा सकती है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री विजय वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से इस मामले में बीच का रास्ता निकालने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्रों को हो रही दिक्कत को समझने की जरूरत है। बता दें कि वडेट्टीवार इस समय कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।
वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने परीक्षा रद्द किए जाने के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। इससे पहले यह परीक्षा पिछले साल अप्रैल में होनी थी,, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था। फडणवीस ने ट्वीट किया, 'परीक्षा को पहले ही आगे बढ़ाया जा चुका है और इस वजह से कई छात्र मौका गवां देंगे जिन्होंने तैयारी में अपने कीमती साल लगाए हैं।'
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कोरोना के कारण टली महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परिक्षा, आक्रोशित छात्र सड़कों पर उतरे