जब साल 1977 में कोका कोला भारत से बाहर गई तो उस समय कैंपा कोला ने उसकी कमी को पूरा किया। वह अब दोबारा बाजार में प्रवेश करने की तैयारी कर रही है। कैंपा कोला को 1970 के दशक में उसी प्योर ड्रिंक्स ग्रुप ने पेश किया था जो भारतीय शीतल पेय बाजार में 1949 में कोका-कोला लेकर आया था। 70 के दशक तक ये कोका कोला के निर्माता और वितरक थे। कोका-कोला के भारत छोड़ने के बाद प्योर ड्रिंक्स ग्रुप ने कैंपा कोला की शुरुआत की और विदेशी चुनौती के अभाव में यह बाजार में छा गया। 'द ग्रेट इंडियन टेस्ट' स्लोगन के साथ इसने राष्ट्रवादियों को भी लुभाया। प्योर ड्रिंक्स ग्रुप के संस्थापकों की चौथी पीढ़ी के सदस्य जयवंतजीत सिंह कोका कोला इंडिया और पेप्सिको की चुनौती के बीच देसी ब्रैंड को दोबारा राष्ट्रीय स्तर पर लाने की तैयारी में हैं। वह ब्रैंड को मुख्यधारा में लाने के लिए पूरजोर कोशिश कर रहे हैं। इस समय कैंपा उत्तर भारत के कई राज्यों में उपलब्ध है। जम्मू-कश्मीर, यूपी, हरियाणा, पंजाब, नॉर्थ ईस्ट के पांच राज्यों, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश और बिहार में इसके 13 फ्रेंचाइजीज हैं।
कंपनी के पास कुछ फ्रेंचाइजिंग प्लांट्स हैं। मुख्य रूप से उत्तर और उत्तरपूर्व बाजार के टियर-2, टियर-3 शहरों की मांग पूरी कर रहे हैं। कंपनी सिलवासा में एक प्लांट लगा रही है। जिसकी क्षमता प्रति मिनट 600 बोतल की होगी और यह पश्चिमी भारत की मांग पूरी करेगा। हालांकि इसके सामने चुनौती भी है। तीन अन्य ब्रैंड्स- थम्स अप, कोका-कोला, पेप्सी की बाजारमें अच्छी पकड़ है। कैंपा कोला को खुद को इस रूप में पेश करना होगा कि यह आज की पीढ़ी को भी आकर्षित करे। यदि कोई ब्रैंड समय के साथ चलता है तो सफल होता है। ब्रैंड को बीते हुए कल और मौजूदा समय में सही बैलेंस बनाना होगा। कैंपा कोला जनरल स्टोर्स के साथ रिलायंस फ्रेस और डीमार्ट जैसे मार्डन स्टोर्स में भी उपलब्ध है। पेट बोतलों और केंस की वजह से इसकी वापसी हो पाई है। कोला के साथ कैंपा कोला ऑरेंज, लेमन, लाइम ऐंड लेमन, जीरा सोडा और फिजी ऐपल फ्लेवर्स में ग्राहकों को परोसता है।
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फिर से बाजार में उतरने की तैयारी में कैंपा कोला - कोका कोला सहित अन्य ब्रांड से होगा मुकाबला