नई दिल्ली । तमाम सुरक्षा इंतजामों के बाद भी ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाओं लगातार बढ़ती जा रही हैं। कभी किसी का फोन हैक हो जाता है तो कभी किसी का बैंकिंग अकाउंट। इस तरह के हमले ज्यादातर एंड्रॉइड यूजर्स पर ही होते हैं। ऐसे में गूगल प्ले स्टोर कई तरह के सुरक्षा मापदंडों को अपनाती है। लेकिन फिर भी कुछ ऐसी ऐप्स या मालवेयर रह ही जाते हैं जो यूजर्स की सिक्योरिटी में सेंध लगा सकते हैं। हाल ही में आई एक खबर के मुताबिक, गूगल ने अपने प्ले स्टोर से कुछ ऐप्स को हटा दिया है। कंपनी ने दावा किया है कि ये ऐप्स एंड्रॉइड डिवाइसेस में फाइनेंशियल ट्रोजन के जरिए सेंध लगा रही थीं। ये ऐप्स यूजर्स की बैंकिंग सिक्योरिटी को असुरक्षित बना रहे थे। यह ऐप्स उनके लिए ज्यादा बड़ा खतरा थीं जिनके स्मार्टफोन में बैंकिंग ऐप्स इंस्टॉल थीं। इस बात का पता चेक प्वाइंट रिसर्च (सीपीआर) द्वारा जारी किए गए एक ब्लॉग पोस्ट से चला। इस पोस्ट में सीपीआर ने बताया था कि में बताया गया है कि क्लास्ट82 और एलिनबोट बेंकर नाम से दो प्रोग्राम बनाए गए थे। ये दोनों ही वायरस हैं जिनकी मदद से 8 हैकिंग ऐप्स एक्टिव हो जाती थीं जो यूजर्स के फोन में मौजूद बैंकिंग ऐप्स की सिक्योरिटी को तोड़ती थीं और उनका इस्तेमाल कर बैंक अकाउंट से पैसा चुराने का काम करती थीं।
पोस्ट के अनुसार, ये ऐप्स ड्रॉपर के साथ आ रही थीं जो एलिनबोट बैंकर और एमआरएटी को डाउनलोड और इंस्टॉल करता है। यह ड्रॉपर, क्लास्ट82 में डब किया गया है। यह गूगल प्ले प्रोटेक्ट डिटेक्शन द्वारा पता लगाए जाने से बचने के लिए कई तरह की तकनीकों की सीरीज का इस्तेमाल करता है। साथ ही एवेल्यूशन पीरियड को सफलतापूर्वक पूरा करता है। रिसर्च के अनुसार, हैकर्स इन मालवेयर्स की मदद से व्यक्ति के फोन में आने वाले वेरिफिकेशन कोड को हैक करते हैं। इन कोड्स के जरिए बैंक अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं। मालवेयर यूजर के फोन में एमआरएटी को इंस्टॉल कर देता है। एनआरएटी यूजर के फोन को रिमोट एक्सेस की परमीशन उपलब्ध कराता है और फिर कहीं और बैठकर फोन को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, क्लास्ट82 एक मालवेयर ड्रॉपर है। यह पहले तो एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर अटैक करते हैं और फिर दूसरे प्रोग्राम एलनबोट बेंकर के जरिए फोन में मौजूद फाइनेंस ऐप्स से यूजर की अहम जानकारी को चुराता है।
यह भी बताया गया है कि जब डिवाइस में मालवेयर से प्रभावित पेलोड सफलतापूर्वक इंस्टॉल हो जाता है तो ड्रॉपर ऐप डाउनलोड किए गए पेलोड को लॉन्च करती है। क्लास्ट82 के मामले में रिसर्चर्स को 100 से ज्यादा एलनबोट के यूनिक पेलोड्स मिले जो यूजर के क्रिडेंशियल्स और 2एफए कोड चुराने का काम करते थे। ऐसे में यूजर्स को यह सुझाव दिया जाता है अगर आपके स्मार्टफोन में निम्न में से कोई भी ऐप मौजूद है तो इसे तुरंत अनइंस्टॉल कर दें। साथ ही गलती से भी इन्हें फोन में इंस्टॉल न करें। तो आइए जानते हैं इन ऐप्स के नाम।
लीगल
सतर्क हो एंड्रॉइड उपयोगकर्ता! बैंकिंग ऐप्स हो सकती हैं हैक, तुरंत डिलीट करें ये घातक ऐप्स