नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते इस साल होली का रंग फीका पड़ सकता है। पिछले साल होली के समय तक हालात इतने खराब नहीं थे, फिर भी होली मिलन समारोहों पर महामारी का असर पड़ा था। इस साल मार्च में कोरोना ने जैसी रफ्तार पकड़ी है, उसे देखते हुए होली का त्योहार भी पाबंदियों के बीच मनाना पड़ सकता है। महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं, सोमवार को कम से कम 10 और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का कोविड ग्राफ ऊपर चढ़ गया। हालात ऐसे हो चले हैं कि कई राज्यों में पहले जैसी स्थिति लौटती दिख रही है। कई शहरों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद लॉकडाउन लगाना पड़ा है। संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ खोले गए स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने पर विचार हो रहा है।
रंगों के त्योहार में अब दो हफ्ते से भी कम समय बचा है। दूसरी ओर कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। यही हाल रहा तो प्रशासन को रंग खेलने को लेकर अलग से गाइडलाइन जारी करनी पड़ सकती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा जैसे राज्यों में कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने से देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है, जबकि कुछ स्थानों पर सख्ती बढ़ानी पड़ी है। स्थिति में बदलाव नहीं आया तो दूसरे स्थानों पर भी पाबंदियां लगानी पड़ सकती हैं।
पिछले साल होली के समय कोविड का प्रकोप इतना नहीं था, फिर भी एहतियात बरतते हुए होली-मिलन समारोह रद्द कर दिए गए थे। इस समय कोरोना की सेकेंड वेव चल रही है, ऐसे में होली मिलन समारोहों पर रोक लगाई जा सकती है। बिहार सरकार ने तो इसका ऐलान भी कर दिया है। महाराष्ट्र के कई जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है। राज्य में प्रतिदिन 16 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने से चिंतित मध्य प्रदेश और कर्नाटक की सरकारें भी लॉकडाउन लागू करने के विकल्प पर विचार कर रही हैं।
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कोरोना से चिंतित बिहार ने होली मिलन पर लगाई रोक, इस बार फीका रह सकता है होली का रंग