पटना । जेडीयू बिहार के बाहर अपनी शक्ति को आजमाने का प्रयास कर रहा है। उसके निशाने पर बंगाल और असम दोनों हैं। जेडीयू ने तय कर लिया है की बंगाल और असम में अपनी पूरी ताक़त झोंकेगा। असम में जेडीयू ने 50 और बंगाल में 45 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। पार्टी ने जिन्हें टिकट दिया है उनमें से अधिकांश बिहार और पूर्वांचल के निवासी हैं। साफ है कि जेडीयू अपने उम्मीदवारों के बहाने बंगाल और बिहार-यूपी के बसे लोगों के वोट बैंक पर नज़र गड़ाए हुए है। इनकी आबादी बंगाल में अच्छी खासी है, और इन्हीं वोट बैंक के सहारे जेडीयू बंगाल में अपनी किस्मत आजमा रहा है। बंगाल में जेडीयू सिर्फ उम्मीदवार ही नहीं उतार रहा है, बल्कि अपनी पूरी ताकत भी लगा रहा है। जेडीयू के कई सांसद और मंत्री बंगाल में चुनाव प्रचार करने के लिए जा रहे हैं। जाहिर है कि जेडीयू प्रचार में कोई कमी नहीं रहने देना चाहता है। विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद जेडीयू कोटे के मंत्री बंगाल में लगातार कैम्प करेंगे1 साथ ही जेडीयू सांसद भी पार्टी उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। फ़िलहाल नीतीश कुमार बंगाल चुनाव प्रचार करने के लिए जाएंगे की नहीं इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन बंगाल जेडीयू के लोग नीतीश कुमार से लगातार मांग कर रहे हैं कि सीएम नीतीश चुनाव प्रचार में बंगाल आएं। पश्चिम बंगाल में बिहार के रहने वालों की अच्छी खासी तादाद है।
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बंगाल में दीदी से मुकाबला करने जेडीयू ने उतारे मंत्री और सांसदों की फौज