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एंटीलिया मामले में जांच को भटकाना चाहती है बीजेपी

एंटीलिया मामले में जांच को भटकाना चाहती है बीजेपी

नई दिल्ली । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को अपनी पार्टी के सहयोगी और महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का बचाव करते हुए दावा किया कि जिस समय देशमुख मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी परम बीर सिंह के बताए पत्र के अनुसार फरवरी में पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से मिले थे तब तो वे कोविड -19 के इलाज के लिए नागपुर के एक अस्पताल में थे। दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था। इसको लेकर यह लगातार दूसरा दिन है जब पवार देशमुख के बचाव के लिए आगे आए हैं। पवार के इस बयान के बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तुरंत प्रतिक्रिया दी कि देशमुख ने उस समय एक संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया था। बीजेपी का आरोप है कि देशमुख ने 15 फरवरी और 8 फरवरी को कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की थी और इन बैठकों के वीडियो और फोटोग्राफिक सबूत देशमुख ने खुद ट्विटर पर पोस्ट किए। कुछ पत्रकारों ने एनसीपी प्रमुख की मीडिया ब्रीफिंग में भी ये सवाल उठाया था। इसपर पवार ने जवाब दिया कि देशमुख कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से वर्चुअली मिले थे। उन्होंने अपने डिस्चार्ज के बाद और होम संगरोध में जाने से पहले होम क्वारंटाइन में जाने से पहले संबोधित किया था। लेकिन बीजेपी ने यह भी बताया कि पुलिस अधिकारी के पत्र में फरवरी अंत तक बैठक के समय का उल्लेख है। पवार ने कहा कि ताजा सबूतों के मद्देनजर. अनिल देशमुख का इस्तीफा लेना उचित नहीं होगा गृह मंत्री के इस्तीफे की भाजपा की मांग में कोई दम नहीं है  मेरा रुख इसपर साफ है कि देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं क्योंकि वह नागपुर में थे।" उन्होंने यह भी दावा किया कि देशमुख के खिलाफ आरोपों का उद्देश्य एंटीलिया बम के मामले में जांच को रोकना है।मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अपने ट्रांसफर को चुनौती दी तो गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की। एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाकर डीजी होम गार्ड बनाए गए परमबीर सिंह ने देशमुख पर एक और बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सांसद डेलकर मौत के मामले में देशमुख उनपर बीजेपी नेताओं को फंसाने का दबाव डाल रहे थे। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने याचिका में देशमुख पर लगाए गए आरोपों को दोहराया है। परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए लेटर में आरोप लगाया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए उगाही का टारगेट दिया था। परमबीर सिंह ने याचिका में कहा है कि गृहमंत्री देशमुख सांसद मोहन डेलकर की मौत के मामले बीजेपी नेताओं को फंसाने का दबाव बना रहे थे। याचिका में कहा गया है कि सांसद मोहन डेलकर होटल में मृत पाए गए थे। उनके पास 15 पेज का सुइसाइड नोट भी मिला था। शुरुआती जांच के बाद याचिकाकर्ता (परमबीर सिंह) ने तहकीकात शुरू की और पुलिस डिपार्टमेंट के लीगल सेल से सलाह मांगी। याचिकाकर्ता पर महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री ने दबाव डाला के बीजेपी के कुछ नेताओं को किसी तरह फंसाया जाए। पूरे मामले को राजनीतिक एंगल देने के लिए बहुत दबाव डाला गया। इसमें यह भी कहा गया है कि परमबीर इस दबाव में नहीं आए।
 

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