मुंबई । महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस में बड़ा फेरबदल करते हुए 86 अफसरों और कर्मचारियों का ट्रांसफर किया है। इनमें 65 अधिकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के हैं, जिसमें विवादित अफसर सचिन वाझे की तैनाती थी। सचिन वाझे की एनआईए द्वारा गिरफ्तारी के बाद से यह माना जा रहा है कि सरकार ने उसके करीबी अफसरों को क्राइम ब्रांच से हटाया है। सरकार ने जिन अधिकारियों का ट्रांसफर किया है, उनमें पीआई, एपीआई और पीएसआई लेवल के अफसर शामिल हैं। ट्रांसफर के आदेश मुंबई के जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस की ओर से जारी किए गए हैं। मुंबई पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि जिन लोगों का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर हुआ है, वे सचिन वाझे के करीबी माने जाते हैं। यही नहीं इन लोगों पर सीनियर अफसरों को बाईपास कर सचिन वाझे से संपर्क करने के आरोप थे। सचिन वाझे के करीबी माने जाने वाले एपीआई रियाजुद्दीन काजी को लोकल आर्म्स यूनिट में भेज दिया गया है। मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले में भी एनआईए ने रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की थी। ऐसे में उनके समेत तमाम अफसरों का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर किया जाना इस बात का संदेश है कि मुंबई पुलिस में सरकार ने बड़ा सफाई अभियान चलाने का फैसला लिया है। इस बीच रात को महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में उन्होंने खुद पर लगे आरोपों और अंबानी के घर के बाहर मिली कार के बाद से छिड़े विवाद को लेकर अपना पक्ष रखा है। उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास पर ही करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं की यह मीटिंग चली। इससे पहले मंगलवार शाम को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की थी और कहा था कि इससे ही शरद पवार की प्रतिष्ठा पर लगे दाग खत्म हो सकते हैं।