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अमरूद की जड़ से डायबिटीज होगा कंट्रोल -अमरूद की जड़ों में होते हैं एंटी-डायबिटीज एजेंट 

अमरूद की जड़ से डायबिटीज होगा कंट्रोल -अमरूद की जड़ों में होते हैं एंटी-डायबिटीज एजेंट 

नई दिल्ली । वैज्ञा‎निकों की माने तो अमरूद की जड़ें भी डायबिटीज से लड़ने में मददगार हो सकती हैं। नैनी स्थित सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) के रसायन विभाग की रिसर्च स्कॉलर ने अमरूद की जड़ों के एक्सट्रेक्ट से तैयार सिल्वर नैनोपार्टिकल के ग्रीन सिंथेसिस को सिद्ध करने में कामयाबी हासिल की है। शोध में पाया गया है कि अमरूद की जड़ों में एंटी-डायबिटीज एजेंट होते हैं जो बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने में प्रभावी हैं।     
 रिसर्च स्कॉलर अमृता राज के अनुसार, 'ग्रीन सिंथेसिस विभिन्न क्षेत्रों में एक उभरता हुआ क्षेत्र है और रासायनिक और भौतिक तरीकों के विकल्प के रूप में आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्रदान करता है। इस विधि में, पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित नॉन-टॉक्सिक अभिकर्मकों का इस्तेमाल किया जाता है। यह इको फ्रेंडली तकनीक जैविक एजेंटों, पौधों या माइक्रोबियल एजेंट को कैपिंग एजेंट के रूप में शामिल करती है। ग्रीन केमिस्ट्री द्वारा संश्लेषित सिल्वर नैनोपार्टिकल्स रासायनिक रूप से संश्लेषित नैनोकणों के लिए एक बेहतर और संभावित विकल्प प्रदान करते हैं।' एसोसिएट प्रोफेसर रीना लॉरेंस की देखरेख में अपने शोध को आगे बढ़ाने वाले राज ने हाल ही में 'क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर -2021 के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में वैश्विक दृष्टिकोण' पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना कार्य प्रस्तुत किया है और 'यंग साइंटिस्ट एसोशिएट अवार्ड' प्राप्त किया। इसके साथ ही उन्हें 'बेस्ट ओरल प्रजेंटेशन अवॉर्ड' भी मिला। वह आगे बताती हैं, डायबिटीज मेलेटस एक महामारी के रूप में उभरा है जिसने पिछले कुछ दशकों में भारत सहित दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित किया है। 
एजीएनपीएस का उपयोग करते हुए विभिन्न नैनो मैटिरियल और नैनो उपकरणों के तेजी से विकासशील क्षेत्र ने निदान और प्रभावी इलाज की संभावना को बढ़ा दिया है। नैनोटेक्नोलॉजी एक अनुशासन है जो नैनोस्केल में भौतिक विशेषताओं से संबंधित है और रोग का पता लगाने, प्रबंधन और रोकथाम के लिए बेहतर तकनीक प्रदान करता है। इसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता है और यहां तक कि दवा उद्योग और नैनो मेडिसिन दवा वितरण में भी इस्तेमाल किया जाता है। 'ग्रीन सिंथेसिस ने कार्बोहाइड्रेट के पाचन एंजाइमों के खिलाफ प्रभावी इनहिबिटर के साथ सबसे अच्छा एंटी-डायबिटीक परिणाम दिखाया है। यह हृदय की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है और पाचन तंत्र को लाभ पहुंचा सकता है। साथ ही डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है।' इसके अलावा एंटी कैंसर इफेक्ट के लिए उपयोग करने के साथ ही वजन घटाने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी फायदेमंद है।
 

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