ऑस्ट्रेलिया में आज आम चुनाव है। बता दें कि यह देश दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों में से एक है। आज यहां जनता अपने नए प्रधानमंत्री को चुनने के लिए वोट करेगी। भारत की तरह यहां भी कई मुद्दों पर चुनाव लड़ा जा रहा है। इस चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के लिए कई चुनौतियां हैं। ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक घमासान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां बीते 12 वर्षों में 6 प्रधानमंत्री बने हैं। किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। वर्तमान पीएम स्कॉट मॉरिसन गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जनता उन्हें एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाएगी। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अपने काम के बल पर जीतने का दावा कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और टैक्स में कटौती उनके प्रमुख काम हैं। जिसके बल पर वह दोबारा सत्ता पाने का ख्वाब देख रहे हैं। दूसरी ओर विपक्षी दल के नेता बिल शॉर्टन सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कोई काम नहीं किया है। वह दावा कर रहे हैं कि अगर वो सत्ता में आते हैं तो शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहतर काम करेंगे। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में हर तीन साल में चुनाव होता है। यहां संसद में 150 सदस्य हैं। जबकि सीनेट सदस्यों की संख्या 76 है। यहां वोट करने का तरीका कुछ अलग है। दरअसल ऑस्ट्रेलिया में मतदाता पहले अपने ससंदीदा प्रत्याशी को वोट करता है फिर अपनी पसंद के हिसाब से क्रमानुसार वोट करता है। यहां पर जिसे पहले 50 प्रतिशत वोट मिल जाते हैं उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। वहीं अगर किसी को भी 50 प्रतिशत वोट नहीं मिलते हैं तब फिर इस स्थिति में सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है। उसके बाद वोटों को बाट दिया जाता है। 50 फीसदी वोट होने तक यह प्रक्रिया चलती रहती है।