छोटे बच्चों को खेलकूद के साथ ही छोटे पालतू जानवर जैसे कुत्ते और बिल्ली भी पसंद होते हैं। ताजा शोध में बताया गया है कि बच्चों के भाई बहनों के बजाय घर के पालतू जानवर अच्छे दोस्त होते हैं। एक शोध के मुताबिक बच्चों को पालतू जानवरों के साथ रिश्ते बनाकर कहीं अधिक संतोष मिलता है। ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार इस बात के प्रमाण काफी अधिक मात्रा में मिले हैं कि बच्चों के विकास पर घर के पालतू जानवरों का काफी प्रभाव पड़ सकता है। इससे बच्चों के सामाजिक कौशल और भावनात्मक विकास में भी सकारात्मक प्रभाव की संभावना रहती है।
पश्चिमी घरों में पालतू जानवर के साथ भाई बहन जैसा व्यवहार किया जाता है। हालांकि बच्चों और पालतू जानवरों के बीच संबंधों के महत्व को लेकर बहुत कम अध्ययन हुए हैं। उन्होंने बताया कि हम यह जानना चाहते हैं कि परिवार के बाकी सदस्यों के साथ संबंधों के मुकाबले पालतू जानवरों के साथ इस प्रकार के संबंध कितने मजबूत होते हैं। अंतत: हमें इससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि बच्चे के स्वस्थ विकास में जानवर किस प्रकार मदद कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने 77 परिवारों के 12 साल के बच्चों का सर्वे किया जिनके घर में एक या एक से अधिक पालतू जानवर थे और साथ ही घर में एक से अधिक बच्चे थे। शोध में पाया गया कि बच्चों ने अपने भाई बहन के बजाय अपने पालतू जानवरों के साथ संबंधों को दर्शाया तथा जिन बच्चों के घर में पालतू कुत्ते थे उनमें अन्य पालतू जानवरों के बजाय अधिक संतोष था।
अध्ययन की प्रमुख मैट कासेल्स ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसने बचपन में पालतू जानवर के साथ समय बिताया है वह जानता है कि हम दोस्ती और बातचीत के लिए पालतू जानवरों के पास जाते हैं जैसा कि लोग संबंधों में करते हैं। कासेल्स के मुताबिक पालतू जानवर पूरी तरह से बात नहीं समझते हैं या मौखिक रूप से जवाब नहीं देते हैं लेकिन पालतू जानवरों के साथ बातचीत का स्तर भाई बहन से होने वाली बातचीत से कम नहीं होता।
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पालतू जानवर होते हैं बच्चों के सच्चे दोस्त