नई दिल्ली । किताबें पढ़ने की आदत लोगों को खुशी और आनंद तो देती ही है किताबें पढ़ने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ठीक रहते हैं। किताबों के जरिए हम देश दुनिया की सैर करते हैं। इसके साथ ही अपने इतिहास और समाज को भी निकटता से जानने-समझने का मौका मिलता है। दरअसल, किताबें समाज का दर्पण होती हैं, जिनमें देश दुनिया का अक्स झलकता है। कई लोगों के लिए किताबें पढ़ना बोरियत भरा काम हो सकता है, लेकिन यह आदत कुछ लोगों में इतनी रच बस जाती है कि उन्हें किताबों से अलग नहीं किया जा सकता है। किताबें पढ़ने से जहां जानकारी बढ़ती है, वहीं इससे सेहत को भी कई फायदे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक शोध में पाया गया है कि छात्रों के तनाव के स्तर पर जिस तरह योग और हास्य प्रभाव डालता है, इसी तरह 30 मिनट पढ़ने से रक्तचाप, हृदय गति और मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पढ़ने की आदत तनाव कम करने में मदद करती है। अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर अलग-थलग महसूस करते हैं। मगर कहानियां पढ़ने से आप अस्थाई रूप से अपनी दुनिया से दूर इनके पात्रों के काल्पनिक अनुभवों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं। जहां किताबें पढ़ने की आदत से आनंद मिलता है, जानकारी बढ़ती है, वहीं रात की अच्छी नींद के लिए भी विशेषज्ञ रूटीन में पढ़ने की आदत को शामिल करने का सुझाव देते हैं।
किताबें पढ़ने की आदत लोगों में लोगों के दर्द को समझने और सहानुभूति की भावना को मजबूत करती है, जो लोग साहित्यिक उपन्यास पढ़ते हैं, उनमें कहानियों के पात्रों के आंतरिक जीवन को गहराई से समझने के साथ ही दूसरों की भावनाओं और विश्वासों को समझने की क्षमता विकसित होती है। अपने बच्चों के साथ किताबें पढ़ने की आदत से पैरेंट्स के अपने बच्चों के साथ गर्मजोशी भरे और खुशहाल संबंध बनते हैं। वहीं घर पर पढ़ने की आदत स्कूल में बच्चों के प्रदर्शन को बेहतर बनाती है। पढ़ने से बच्चों का शब्दज्ञान बढ़ता है। उन्हें जानकारी मिलती है। किताबें पढ़ने से स्मृति पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह आदत मेमोरी पावर को बढ़ाने में मदद करती है। दरअसल, किताब पढ़ने से मस्तिष्क में नई यादें बनती हैं। इसके अलावा एकाग्रता बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
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किताबें पढ़ने की आदत हमें रखती है तनावरहित और आती है अच्छी नींद