मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित करने के बाद इसरो की नजह अब कुछ दूसरे बड़े आयाम पर है। अगले 10 साल में इसरो ने अंतरिक्ष के लिए कई और मिशन निर्धारित किए हैं। इनमें से एक लक्ष्य शुक्र (वीनस) ग्रह तक पहुंचना भी है। इसके लिए 2023 की तिथि निर्धारित की गई है। शुक्र ग्रह के लिए जानेवाले स्पेसक्राफ्ट में 20 से अधिक अंतरिक्ष उपकरण होंगे। अगला दशक अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। 2020 में मिशन एक्सपोसैट कॉस्मिक रेडिएशन के अध्ययन के लिए भेजा जाएगा। 2021 में सूर्य तक पहुंचने के लिए आदित्य एलवी, मार्स ऑर्बिटर मिशन-2 2022 में, 2024 में चंद्रयान-3 और 2028 में सोलर सिस्टम के अध्ययन के लिए इसरो के मिशन भेजे जाएंगे। शुक्र ग्रह को धरती के ट्विन सिस्टर भी कहा जाता है। दोनों ही ग्रहों में आकार, बनावट, घनत्व, गुरुत्वाकर्षण आदि में काफी समानता है। इसरो के मिशन का उद्देश्य सरफेस और सब-सरफेस का अध्ययन करना है। इसके साथ ही वातावरण के रसायनिक तथ्यों के अध्ययन के साथ ही सौर रेडिएशन और सौर हवाओं का भी अध्ययन इस मिशन के द्वारा किया जाएगा।