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घर-घर बनाना सिखाएंगे ओआरएस का घोल

घर-घर बनाना सिखाएंगे ओआरएस का घोल

जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 28 मई से 9 जून तक मनाया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग का इसमें विशेष सहयोग रहेगा। दोनों विभागों के आपसी समन्वय के लिए और कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से यहां जिला परिषद में मुख्य र्कायकारी अधिकारी जेपी बुनकर की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिले के समस्त सीडीपीओ और समस्त बीसीएमओ मौजूद थे।
बैठक में जिला परिषद के सीईओ जेपी बुनकर ने कहा कि यह कार्यक्रम अति महत्वपूर्ण है। गर्मी की अधिकता के कारण डायरिया फैलता है और स्थिति गंभीर होने पर मौत भी हो सकती है। इसे रोकने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से किया जा रहा यह प्रयास काफी सराहनीय है। उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से डायरिया से जिले में होने वाली मौतों ओर डायरिया के मरीजों के आंकडे एकत्र करने के लिए भी कहा, ताकि अभियान के बाद यह पता लगाया जा सके कि अभियान की सफलता का स्तर क्या रहा है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी बैरवा ने र्कायक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आजकल खान-पान और रोटा वायरस के कारण डायरिया होता है। दस्त अधिक लगने से मौत के केस भी आते हैं। यह मामला पांच वर्ष के बच्चों में अधिक जानलेवा हो सकता है। इसलिए सबसे पहले 5 वर्ष तक के बच्चों का सर्वे किया जाना जरूरी है और इस काम को आशाएं बखूबी अंजाम दे सकती हैं। इसके अलावा आशाओं को जिम्मेदारी समझाते हुए उन्होंने कहा कि आशाएं ं चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के सहयोग से घर-घर ओआरएस के पैकेट पहुंचाएंगी। जिन बच्चों में दस्त होने का पता चलता है उन्हें जिंक की टेबलेट दी जाएगी। ओआरएस और जिंक टेबलेट पर्याप्त मात्रा में जिले के पांचों चिकित्सा ब्लॉकों में पहुंचा दी गई हैं। बीसीएमओ की जिम्मेदारी है कि यह सब आंगनबाडी केन्द्रों और सभी स्वास्थ्य केन्द्रों तक समय से पूर्व ही पहुंचा दें ताकि सही तरीके से इनका वितरण सुनिष्चित किया जा सके।
जागरूकता अभियान भी चलेगा
उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुभाष बिलोनिया ने बताया कि इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। जिसके तहत आमजन को आईईसी सामग्री जैसे पोस्र्टस, बैनर्स, जिंक र्कोनर आदि के जरिये जागरूक किया जाएगा। जागरूकता अभियान के तहत घर-घर जाकर आमजन को नमक चीनी का घोल बनाना, दस्त के बाद कुपोषण की पहचान करना, ओआरएस का घोल बनाना, हाथ धोने का सही तरीका बताना और इसके लाभ व हानि आदि बताए जाएंगे। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ बैरवा ने बीसीएमओ को निदेर्शित किया कि ओआरएस पैकेट घर-घर पहुंचाने के लिए जो अतिरिक्त राशि आशाओं को दी जानी है वह उन तक हर हाल में पहुंचाना सुनिश्चित की जाए। इसमें लापरवाही जरा भी बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे फील्ड में एंटीलार्वा गतिविधियां, फोगिंग, पेयजल स्रोतों की सफाई आदि करवाना सुनिश्चित करें ताकि डायरिया को रोका जा सके और इससे होने वाली मौतों में कमी लाई जा सके।

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