
मुम्बई। शिवसेना ने अपने लोकसभा सांसद अरविंद सावंत को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया है। पार्टी के इस कदम को प्रत्यक्ष तौर पर अन्य मुख्य प्रवक्ता संजय राउत पर अंकुश लगाने के तौर पर देखा जा रहा है। सावंत पहले पार्टी के प्रवक्ता थे। वर्ष 2019 में पार्टी के भाजपा से अलग होने तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत मंत्रिमंडल में शामिल सावंत शिवसेना के एकमात्र नेता थे। भाजपा से अलग होने के बाद शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। शिवेसना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में अपने प्रवक्ताओं की सूची प्रकाशित की।
राज्यसभा सदस्य एवं ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत को पिछले साल सितम्बर में पार्टी का मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया गया था। सावंत को मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किए जाने का कदम राउत के हाल ही में राकांपा के नेता अनिल देशमुख को ‘‘एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर’’ करार देने के बीच उठाया गया है। राज्यसभा सदस्य को उस वक्त भी सहयोगी पार्टी कांग्रेस की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार को संप्रग का अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया था। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का नेतृत्व अभी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी कर रही हैं। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता बालासाहेब थारोट ने मंगलवार को कहा था कि राउत को कोई बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने भी सवाल किया था कि क्या राउत, पवार के प्रवक्ता हैं? उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने राज्य के मंत्री गुलाब राव पाटिल और लोकसभा सदस्य धैर्यशील संभाजीराव माने को पार्टी के प्रवक्ता के पद से हटा दिया है। पार्टी ने कहा कि मुम्बई की महापौर किशोरी पेडनेकर, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब, राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी, विधायक सुनील प्रभु, प्रताप सरनाईक, भास्कर जाधव, अंबादास दानवे और मनीषा कायंदे, शिवसेना के उपनेता सचिन एयर, पूर्व महापौर शुभा राउल, पार्षद शीतल म्हात्रे,किशोर कंहेरे संजना गादी और आनंद दुबे शिवसेना के प्रवक्ता बने रहेंगे।