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महाराष्ट्र में कहर बना कोरोना,  43 हजार 183 नए मरीज मिले

महाराष्ट्र में कहर बना कोरोना,  43 हजार 183 नए मरीज मिले

मुंबई । महाराष्ट्र में कोरोना विस्फोटक स्थिति में पहुंच गया है। गुरुवार को यहां पर 43 हजार 183 नए संक्रमित मरीज मिले जो कि एक रिकॉर्ड है और दुनिया के कई देशों से ज्यादा है। भारत में रात 10 बजे तक 79 हजार 275 नए संक्रमित मरीज मिले यह दुनिया में किसी भी देश में गुरुवार को मिले मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है। गुरुवार को 461 लोगों की मौत भी हुई। इस प्रकार संक्रमण और मौत के मामले में भारत अब उसी डरावने दौर में पहुंच गया है जब पिछले वर्ष सितंबर से लेकर नवंबर के बीच बड़ी तादाद में मरीज मिल रहे थे।
मरीजों की इस बड़ी तादाद में सबसे बड़ा योगदान महाराष्ट्र का है, जहां से देश के लगभग 60% नए मरीज मिल रहे हैं। यहां पर प्रतिदिन 200 से ऊपर मरीजों की मौत भी हो रही है। गुरुवार को यहां 249 मरीजों की मौत हुई। महाराष्ट्र के डरावने होते आंकड़ों के बीच कर्नाटक में भी कोरोना का पलटवार हुआ है। गुरुवार को यहां पर 4234 नए संक्रमित मरीज मिले। हालांकि मौतों की संख्या 18 थी। केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कोरोना अब फिर से कहर ढहाने लगा है। छत्तीसगढ़ में गुरुवार को 4617 नए कोरोना संक्रमित मिले जो कि इस छोटे से राज्य के लिए एक रिकॉर्ड है और यहां अब केरल से ज्यादा संक्रमण फैल रहा है। यहां पर 5 लोगों में कोरोना के नए वेरिएंट की पुष्टि भी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस रफ्तार से छत्तीसगढ़ में कोरोना फैला है, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में कोरोना के कुछ नए वेरिएंट मिलना तय है। इसका मतलब यह है कि प्रदेश में कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है और वायरस म्यूटेशन कर रहा है। 
हालात मध्यप्रदेश में भी अच्छे नहीं हैं, यहां गुरुवार को 2546 नए संक्रमित मिले। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण लगभग 18% हो गया है। इसका अर्थ यह है कि 100 टेस्ट में से 18 मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं। देश में बीते दिनों कोरोना वैक्सीन के चक्कर में कोरोना की टेस्टिंग कम हो रही है जिसके कारण मरीजों के मिलने का प्रतिशत बढ़ा है और यह चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी देश में प्रतिदिन 20 लाख से अधिक कोरोना टेस्ट जरूरी हैं, ताकि वायरस के प्रभाव वाले क्षेत्रों की पहचान करके वहां रोकथाम की जा सके।
 

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