दुनिया में पैसा कमाना आसान है, लेकिन आदमी कमाना मुश्किल है। यह एक सच्चाई है।आधुनिक युग का इंसान पैसे के पीछे पागल हो गया है।साम,दाम ,दंड़, भेद जैसी नापाक नीतियां अपना कर माया के जाल में उलझता जा रहा है।पैसा तो कमा रहा है मगर खानें के लिए समय ही नहीं है।पैसे के बल पर अपने चिरागों को रोशन किया जा रहा है मगर जब समय की मार पड़ेगी तो जीवन में अंधेरा ही होगा।आज लोग पैसे के बल पर नालायकों को लायक बना रहे है।कब तक ऐसा चलता रहेगा।एक दिन सच्चाई सामने आएगी तब तक देर हो चुकी होगी।अभी भी समय है कि पैसे के लिए हराम करना छोड़ दो वरना फिर पछताओंगे जब जेल में चक्की पिसनी पड़ेगी। पैसे के लिए नरसंहार किए जा रहे है।मंदिरों में डकैतियां की जा रही है।साईबर ठगी की जा रहा है।काले कारोगार किए जा रहे है।देह व्यापार किया जा रहा है।पैसे ने मानव को दानव बना दिया है।पैसे के लिए मां-बाप को मौत के घाट उतारा जा रहा है।कत्लेआम हो रहे है।मिलावट खेारी की जा रही है।पैसे कमाने के लिए आदमियों को बकरियों की तरह मारा जा रहा है।हराम का पैसा कब तक खाओगें।मेहनत के पैसे में बरकत होती
है।हरामखोरी का पैस बीमारियों पर ही लगता है।खून पसीने से कमाया गया धन फलता फूलता है। आज पैसा ही पीर हो चुका है।पैसें के बल पर आज लोग धौस दिखाते है।पैसा ही भगवान है।माया के मायाजाल में अंधें हो चुके मानव को यह आभास नहीं है कि पैसा सब कुछ नहीं होता।आज प्रतिभा को दवाया जाता है।पैसे के बलबूते आप प्रतिभा को नहीं खरीद सकते।प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है।पैसा दूरियां पैदा करता है।आज लोगों के पास अंधाधुंध पैसा है।पैसा तो है मगर औलादें नालायक है।दिन रात नशें में मस्त है।पैसें का
भरपूर भ्ंाडार ख्ुाला है।मां बाप अपने चिरागों को बहिसाब पैसा देते है।मंहगी गाड़ियां खरीद रहे है।एक घर में चार- चार वाहन है।मंहगे मोबाईल दिये जा रहे है।आखिर कब तक पैसा पानी की तरह बहाओगे।बिगड़ैल औलादों की हर ख्वाइसें पूरी की जा रही है।बिगड़ैल चिराग मंहगी व विदेशी शराब व नशों का सेवन कर रहे है।पैसे ने आज कई रिश्ते तबाह कर दिए है। पैसें की खातिर लोग अपना जमीर बेच रहे है।पैसे ने रिश्तों को धराशायी कर दिया है।पैसे से लोगों का इमान डोल रहा है।चंद कागज के टुकड़ों के लिए खून बहाया जा रहा
है।पैसे का बोलबाला हर जगह हो चुका है।पैसे है तो सब दोस्त है।शराब, मदिरा व मांस पर पानी की तरह पैसा बहा रहे है।प्रतिदिन हजारों रुपयों का शराब गटक जाते है।विडंबना देखिए कि अगर आलू प्याज महंगा हो जाए तो यह मदिरा में डूबे लोग कहते है कि प्याज मंहगा हो गया मगर शराब की बोतल चाहे कितनी मंहगी की हो जाए कभी नहीं कहेगें की शराब मंहगा हो गया। एक सच्चाई है कि जिसने मेहनत करके पैसा कमाया होता है वह पैसा भी सोच समझ कर खर्च करता है।आज लोगों ने अकूत धन इकठा कर लिया है।पैसा तो एक वेश्या के पास
भी होता है।पैसें से आज इंसान आलिशान महल बना रहा है।पल भर की खबर नहीं है।आज लोग अवैध कारोबार करके अमीरी का लबादा ओढ रहे है।अपनी खुशी के लिए दूसरों का अहित कर रहे है।गरीबों को रौंद रहे है।मगर गरीब खून पसीना बहाकर भरपूर नींद सोता है।एक अमीर जो दूसरों के हको को छीनकर पैसा कमा रहा है नींद की गोली खाकर सो रहा है। फिर भी नींद को तरस रहा है।यह बुरे कर्मो का फल है।इहिास साक्षाी है कि जो फितरती मानव दिन भर लूट खुसुट करता है।ऐसे लोगों का चैन छीन जाता है।यह तथाकथित अमीर बने लोग दर्जनों बीमारियों से ग्रस्त होते है।गरीबों की जमीनें हड़प रहे है।पैसा ही सब कुछ नहीं होता मगर आज रिश्तेे तराजू पर तोले जाते है अगर कोई गरीब है तो उसके साथ भेदभाव किया जाता है।वक्त बदलते देर नही लगती इसलिए आदमी को अपना अतीत याद करते रहना चाहिए।ताकि विपतीेेयो का अहसास होता रहे। वर्तमान परिवेश में मानव इतना स्वार्थी व मौकापरस्त होता जा रहा है कि खुद को खुदा से उपर समझने लगा है। आज वह भगवान के साथ छल -कपट तक करने से नहीं चुकता मगर जब उसकी मार पडती है तो होश ठिकाने आ जाते हैं। समाज में बेईमानों का सत्यनाश हुआ है। खुदा के घर में देर है अन्धेर नहीं है।आदमी को समय से डरना चाहिए क्योकि वक्त का कोई पता नहीं कि कब कौन मिट्टी में
मिल जाए।हमेशा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए क्योकि सच्चाई की सदा जीत हुई है।यह अटल सत्य है।गलत काम करके पैसा अर्जित करके आलिशान महल बना रहा है मगर पल की खबर नहीं है।मानव को एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होना चाहिए। आज कुछ तथाकथित अमीर बने लोग कारों में बैठकर ऐसे बन जाते है कि धरती पर चल रहे मानव को कीडे़-मकोड़े समझते है आज कारे तों छोटे से छोटे लोगों ने रखी है कार में बैठकर कोई बड़ा नहीं बन सकता समाज के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने वाले के आगे कारों की चमक फीकी पड़ जाती है। यह लोग कार, कोठी और पैसे को ही जीवन का ध्येय मान बैठे हैं।महगें कपड़े पहन कर कोई आदमी बड़ा नहीं होता। बल्कि उसके गुणों के कारण ही पहचान होती है।कुछ लोग आत्मकेन्द्रित होते हैं बस अपना काम हो जाए दुनिया भाड़ में जाए।समाज में ऐसे लोग घातक होते है।आज भूखी जुएं अपनी औकात भूलकर ऐसे इतराती है कि जैसे खानदानी रईस हो पर वक्त के पास हर आदमी का लेखा-जोखा है कि कौन रईस था और कौन दाने-दाने को मोहताज था।पैसा कमाना ही आज लक्ष्य बन गया है। किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए हर आदमी से समानता का व्यवहार करना चाहिए।कभी भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।वक्त बदलते देर नहीं लगती भाग्य किसी को भी अर्श पर ले जाता है और किसी को फर्श पर ले जाता है
इसलिए मानव को मर्यादा में रहकर ही हर काम करना चाहिए।समाज की रचना के लिए सादगीपूर्ण जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए।मानव को हमेशा समानता व एक समान व्यवहार करना चाहिए। क्योकि जो आदमी भेदभाव करता है वह मानवता के नाम पर कलंक है।समय बहुत ही बलवान है वक्त के थपेडों से कोई नहीं बच पाया है।पैसे का धमंड कब तक करेगा। मानव दुनिया में नंगा आया है नंगा ही चला जाएगा।राजा महाराजा भी खाली हाथ ही जग से रुखस्त हो गए।संभल जा मानव अपने बुरे कर्मो को छोड़ दे।मेहनत करो और इमान का पैसा कमाओ।नमक से खा लो मगर किसी का हक छीनकर व दूसरों का खून करके मत खाओ।इसलिए हर मानव को हमेशा मानव के लिए अच्छे कार्य करने चाहिए।मानव को ऐसे काम करने चाहिए कि मरने के बाद भी उसे सदियों तक एक अच्छे इन्सान के रुप में हमेशा याद किया जा सके। भूखे को रोटी और प्यासे को पानी पिलाना चाहिए। इसलिए प्रत्येक साधन-संपन्न मानव को लाचार व गरीब लोागों को दान पुण्य करना चाहिए। कब प्राण निकल जाएं।रात दिन अवैध तरीकों से जायदाद जोड़ रहा है मगर किसके लिए आज तक कोई उठा कर नहीं लेकर गया तो फिर यह मोह माया क्यों है।मानव को नीच कर्मो को छोड़ देना चाहिए अच्छे कर्म करने चाहिए।मानव जीवन एक बार ही मिलता है बार-बार नहीं मिलता।आदमी को कभी भी पैसे का अहकांर नहीं करना चाहिए।आज का मानव पैसों से बैंक के खातों को तो भर रहा है मगर उपर काखाता खाली है।अच्छे कर्म करो समाज में पुण्य कमाओ।यही नेक कमाई साथ जाएगी और समाज में एक नाम होगा।
(लेखक-नरेन्द्र भारती )
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दुनिया मे पैसा कमाना आसान है, लेकिन आदमी कमाना मुश्किल ?