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 दिल्ली के साथ उत्तराखंड के लोगों को भी मिल रहा फायदा

 दिल्ली के साथ उत्तराखंड के लोगों को भी मिल रहा फायदा

नई दिल्ली । दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर बृहस्पतिवार से वाहनों ने रफ्तार भरना शुरू कर दिया है।  एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लोग उत्साहित हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। लेकिन, इस सबके पीछे सबसे बड़ा श्रेय उन नींव के निर्माताओं को जाता है, जिन्होंने दिल्ली- एनसीआर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एनएच-9 (पूर्व में एनएच 24) के चौड़ीकरण और दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए नौ साल तक भागीरथ तपस्या की। एनएच-9 के चौड़ीकरण की मांग तो वर्ष 2006 से चल रही थी, लेकिन इसे पंख तब लगे जब वर्ष 2009 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गाजियाबाद में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करने आए। वापसी में वह एनएच 9 (पूर्व में एनएच 24) पर जाम में कई घंटे फंसे रहे। दूसरे दिन राजनाथ के नामांकन से बड़ी खबर उनके जाम में फंसने की रही। राजनाथ सिंह ने तभी एनएच 9 के चौड़ीकरण को मुख्य मुद्दा बना लिया। गाजियाबाद की आरडब्ल्यूए फेडरेशन के महासचिव श्री कुमार माहेश्वरी की पहल पर इंजीनियर अरविद श्रीवास्तव, इंजीनियर विजय कुमार, सीपीडब्ल्यूडी के इंजीनियर एचएस रोहिल्ला, देवेंद्र मलिक, वीपी शर्मा, यतेंद्र मलिक, संजय सिंह, चरजीत सिंह और वीरपाल मलिक ने इस अभियान को आगे बढ़ाया। चार साल तक लगातार विभिन्न माध्यम से यह आंदोलनकारी अपनी आवाज उठाते रहे। नौ फरवरी 2013 को आंदोलनकारी दिल्ली में जंतर- मंतर पर पहुंचे और पूरे दिन धरना दिया। उसमें समर्थन देने गाजियाबाद के तत्कालीन सांसद राजनाथ सिंह भी पहुंचे। उन्होंने वादा किया कि हाइवे विश्वस्तरीय बनेगा और अपने आप में एक मिसाल बनेगा। उन्होंने इस मुद्दे को संसद में भी तीन बार उठाया। वर्ष 2006 से 2013 तक सैकड़ों आंदोलन हुए लेकिन अभियान परवान नहीं चढ़ सका। वर्ष 2014 में केंद्र में सरकार बदली और तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सहयोग से आंदोलनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गए। आंदोलनकारी यह समझाने में कामयाब हुए कि यह प्रोजेक्ट सामरिक, धार्मिक और आर्थिक ²ष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आंदोलनकारियों की मंशा और विषय अच्छा लगा और उन्होंने एनएच 9 के चौड़ीकरण व दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे निर्माण को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बना लिया। प्रधानमंत्री के दखल के बाद इस अभियान में तेजी आई और अंतत: 8,346 करोड़ रुपये के 82 किमी लंबे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। 31 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद में खोड़ा के पास एनएएच 9 पर निर्माण कार्य का शिलान्यास कर दिया
 

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