नई दिल्ली । तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान प्रदर्शनकारी नवंबर के अंतिम सप्ताह से यूपी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। पिछले 4 महीने से भी अधिक समय से यूपी बॉर्डर पर डटे किसान यहां पर मौजूद संसाधनों का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी कड़ी में किसान प्रदर्शनकारी यहां हाइवे पर लगी स्ट्रीट लाइटों के खंभों से ही दैनिक उपयोग के लिए बिजली का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। आलम यह है कि किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली का एनएचएआइ अभी तक जहां लाखों रुपये का बिल भर चुकी है वहीं, प्रदर्शनकारियों द्वारा ओवरलोड के चलते करीब 25 लाख रुपये कीमत का केबिल भी फुंक चुका है। गर्मियां शुरू होने के साथ ही कृषि कानून विरोधियों के यूपी गेट पर चल रहे धरने में बिजली को लेकर आए दिन हाय-तौबा मच रही है। प्रदर्शनकारी एनएचएआइ की ओर से लगी स्ट्रीट लाइट के खंभों के सर्किट में तार जोड़कर बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पहले सर्दी के मौसम के दौरान प्रकाश व्यवस्था के अलावा कपड़े धाेने की मशीन, कपड़ों की प्रेस, मोबाइल फोन चार्ज के अलावा अन्य दैनिक उपयोग किया जाता था। अब गर्मियों में बड़े कूलर, पंखे के अलावा अन्य इस्तेमाल के लिए बिजली इस्तेमाल की जा रही है।
रीजनल नार्थ
किसान प्रदर्शनकारियों ने एनएचएआइ की लाखों की बिजली इस्तेमाल की 25 लाख रुपये के फूंक डाले तार