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नई आबकारी नीति से भाजपा के हजारों करोड़ रुपये का अवैध धंधा बंद हो जाएगा, इस कारण भाजपा नेता कर रहे विरोध : आतिशी

नई आबकारी नीति से भाजपा के हजारों करोड़ रुपये का अवैध धंधा बंद हो जाएगा, इस कारण भाजपा नेता कर रहे विरोध : आतिशी

नई दिल्ली । केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति से भाजपा के हजारों करोड़ रुपये का अवैध धंधा बंद हो जाएगा।  इस कारण भाजपा नेता इसका विरोध कर रहे हैं। नई पॉलिसी से 21 साल तक की उम्र वैध हो जाएगी, जिसके बाद रेस्टोरेंट व क्लबों से भाजपा की हफ्ता वसूली बंद हो जाएगी और भाजपा वालों की आमदनी खत्म हो जाएगी। इस कारण भाजपा नई आबकारी नीति के विरोध में खड़ी है।  यह कहना है ‘आम आदमी पार्टी’ की वरिष्ठ नेता आतिशी का। 
-केजरीवाल सरकार ने शराब माफिया को खत्म करने के लिए जब से आबकारी नीति लाई है, तब से भाजपा वाले परेशान हैं : आतिशी
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने आज पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कुछ दिन पहले एक नई आबकारी नीति (एक्साइज पाॅलिसी) लेकर आई है, ताकि दिल्ली में शराब माफिया को खत्म किया जा सके। दिल्ली में जिस तरह से आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले कुछ सालों में प्राइवेट स्कूल माफिया, पानी टैंकर माफिया और प्राइवेट अस्पतालों के माफिया को खत्म किया है, उसी तरह से अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली में शराब माफिया का जो कब्जा है, उसको खत्म करने के लिए एक नई आबकारी नीति की शुरूआत की है। लेकिन पिछले कई दिनों से हम देख रहे हैं कि शराब माफिया को खत्म करने के लिए जब से यह पाॅलिसी आई है, भाजपा वाले बहुत परेशान हैं। भाजपा वाले रोज कुछ न कुछ विरोध करते हैं। इसलिए समझने की बात यह है कि ऐसी पॉलिसी जो शराब माफिया को खत्म करने का प्रयास कर रही है, उसका भाजपा विरोध क्यों कर रही है? 
-जब भाजपा शासित गोवा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में ड्रिंकिंग एज 18 साल है, तो दिल्ली में इसकी उम्र 21 साल करने पर भाजपा क्यों विरोध कर रही? : आतिशी
आतिशी ने कहा कि भाजपा के लोग कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार शराब के सेवन की उम्र को क्यों कम कर रही है? यह बहुत गलत बात है। वहीं, जब हम अलग-अलग राज्यों में शराब के सेवन की उम्र देखते हैं, तो पता चलता है कि भाजपा शासित कई राज्यों में शराब के सेवन की की उम्र दिल्ली से भी कम है। गोवा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश, तीनों राज्यों में भाजपा की सरकार है और वहां पर शराब के सेवन की उम्र 18 साल है। इसके अलावा, भाजपा शासित कई राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा में शराब के सेवन की उम्र 21 साल निर्धारित है। जब दिल्ली सरकार शराब पीने की उम्र 21 साल करती है, तब भाजपा वाले इसका विरोध क्यों करते हैं?
-नई पॉलिसी से 21 साल की उम्र वैध होने के बाद हफ्ता वसूली बंद हो जाएगी और भाजपा के नेताओं की होने वाली आमदनी खत्म हो जाएगी : आतिशी
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों के विरोध करने के कुछ कारण हैं। भाजपा वाले इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली में अक्सर रेस्टोरेंट या दुकानों में 21 साल की उम्र से ज्यादा, लेकिन 25 साल की उम्र से कम के लोग जब शराब खरीदने या सेवन करने के लिए जाते हैं, तो उन रेस्टोरेंट्स और दुकानों से हफ्ता लिया जाता है। इन रेस्टोरेंट्स या दुकानों पर 25 साल से कम उम्र के लोग अल्कोहल खरीदने या सेवन करने के लिए आते हैं, इसलिए उन दुकानों, रेस्टोरेंट्स और क्लब से हफ्ता वसूली होती है और वह हफ्ता वसूली भाजपा के नेताओं के पास जाती है। अगर दिल्ली सरकार कनूनन शराब पीने की उम्र को 21 साल कर देगी और उसके बाद जब 21 साल से अधिक उम्र के लोग कानूनी तौर पर किसी भी रेस्टोरेंट्स या क्लब से शराब खरीद सकेंगे या शराब का सेवन कर सकेंगे, तो उन दुकानों और क्लब का उत्पीड़न खत्म हो जाएगा, उनसे हफ्ता वसूली खत्म हो जाएगी और भाजपा की उससे होने वाली आमदनी भी खत्म हो जाएगी। भाजपा नई आबकारी नीति का विरोध इसलिए कर रही है, क्योंकि उनके नेताओं के पास दुकानों, रेस्टोरेंट्स और क्लब से जो हफ्ता आता था, उस हफ्ते पर दिल्ली सरकार की आबकारी नीति रोक लगाने जा रही है।
आतिशी ने कहा कि दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक दिल्ली में बहुत सारे ऐसे इलाके थे, जहां पर वैध शराब की दुकानें नहीं हैं। इस अनियमित वितरण की वजह से दिल्ली के बहुत सारे हिस्सों में अवैध शराब बिकती रही है। यहां बता दें कि वर्ष 2017 में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने नरेला में एक अवैध शराब माफिया गैंग का पर्दाफाश किया था। उन्होंने एक घर में जाकर यह पाया था कि 300 से ज्यादा अवैध शराब की बोतलें उस घर में मौजूद थीं और वहां के स्थानीय लोग उसे खरीदते भी थे और उसका सेवन भी करते थे। शराब की दुकानों के अनियमित वितरण की वजह से अवैध और नकली शराब का एक अवैध कारोबार शराब माफिया दिल्ली शहर में चलाते आ रहे हैं। यह अवैध शराब माफिया कौन है? यह दिल्ली के भाजपा के नेता हैं। अवैध शराब बेचकर हर साल हजारों करोड़ रुपए बीजेपी के नेताओं की जेब में आ रहा है। भाजपा आज आबकारी नीति का विरोध इसलिए कर रही है, क्योंकि अवैध शराब बेचकर जो हजारों करोड़ों रुपए की आमदनी उनको होती थी और जो क्लब और रेस्टोरेंट्स से हफ्ता वसूली करके उनके पास पैसा जाता था, अब इस नई पाॅलिसी से शराब माफिया पर लगाम लग रहा है, इसलिए भाजपा के पेट में अब दर्द होना शुरू हो गया है। भाजपा नहीं चाहती है कि यह आबकारी नीति आए और शराब माफियाओं पर लगाम लगे, क्योंकि उनके हर साल के हजारों करोड़ रुपए, जो वे इस अवैध धंधे से कमा रहे थे, वह अब खत्म होने वाला है।
 

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