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हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस शशिकला ने दुनिया को कहा अलविदा -

हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस शशिकला ने दुनिया को कहा अलविदा -

 उन्होंने 60, 70 और 80 के दशक में बॉलीवुड की हीरोइन और विलेन दोनों का किरदार निभाया था -साल 2007 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था -तीन बत्ती चार रास्ता, हमजोली, सरगम, चोरी चोरी, नीलकमल, अनुपमा में भी काम किया था
मुंबई  । बॉलीवुड की सीनियर एक्ट्रेस शशिकला का निधन हो गया है। वह 88 साल की थीं। शशिकला का निधन 4 अप्रैल को मुंबई के कोलाबा में दोपहर 12 बजे हुआ। उन्होंने 70 के दशक में बॉलीवुड की हीरोइन और विलेन दोनों का किरदार निभाया था।
बॉलीवुड में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाली शशिकला का पूरा नाम शशिकला जावलकर था। उनका जन्म 4 अगस्त को सोलापुर में हुआ था। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे थे। हालांकि उनका बचपन बहुत ऐशो-आराम से गुजरा था। शशिकला के छह बहन-भाई थे और उनके पिता बहुत बड़े बिजनेसमैन थे।
इन फिल्मों के किया था काम
शशिकला को बचपन से नाचने-गाने का शौक था। उनके पिता के बिजनेस के ठप्प होने के बाद वह काम की तलाश में मुंबई आ गई थीं। वहां उनकी मुलाक़ात नूर जहां से हुई थी। शशिकला की पहली फिल्म जीनत थी, जिसे नूर जहां के पति शौकत रिजवी ने बनाया था। उन्होंने तीन बत्ती चार रास्ता, हमजोली, सरगम, चोरी चोरी, नीलकमल, अनुपमा में भी काम किया था। फिल्मों के साथ-साथ शशिकला ने टीवी में भी काम किया था। वह मशहूर सीरियल सोन परी में फ्रूटी की दादी के रोल में नजर आई थीं।
 मदर टेरेसा ने 9 साल पनाह दी थी
100 से ज्यादा फिल्मों में सपोर्टिंग रोल निभा चुकीं शशिकला का जन्म 4 अगस्त 1932 में महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को लेकर उन्हें 2007 में पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया था। इसके अलावा उन्हें 2009 में वी शांताराम अवॉड्र्स के दौरान लाइफटाइम अचीवमेंट से भी नवाजा गया था।
11 साल की उम्र में शुरू कर दी थी एक्टिंग
शशि का पूरा नाम शशिकला जावलकर था, उन्होंने ओमप्रकाश सहगल से शादी की थी। महज 11 साल की छोटी उम्र में उनका परिवार मुंबई आ गया। जहां उनके पिता ने बेटी के लिए एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो जाकर काम ढूंढना शुरू किया। इसी दौरान शशिकला की मुलाकात एक्ट्रेस और सिंगर नूरजहां से हुई। नूरजहां को वे अच्छी लगीं और उन्होंने अपने पति से कहकर उन्हें फिल्म में काम दिलवा दिया। शशिकला ने 1945 में फिल्म जीनत में काम किया। इस फिल्म के लिए उन्हें 25 रुपए मिले थे। फिल्मों के बाद शशिकला ने टीवी का रुख किया। जहां वे जीना इसी का नाम है, अपनापन, दिल देके देखो, आह, किसे अपना कहें और सोनपरी में काम किया। वहीं फिल्मों में मां के रोल भी निभाए, जिनमें मदर 98, परदेसी बाबू, बादशाह, कभी खुशी कभी गम, मुझसे शादी करोगी और चोरी-चोरी जैसी फिल्में शामिल हैं।
पति से अलग होकर विदेश चली गईं थीं
रिपोट्र्स के मुताबिक पति से झगड़ों के चलते शशिकला एक शख्स के साथ विदेश चली गईं थीं, लेकिन वह इंसान उन्हें बेहद टॉर्चर करता, इसलिए वे इंडिया लौट आईं। वापस आकर पागलों की तरह सड़क पर घूमती थीं, फुटपाथ पर सोती थीं। कोई कुछ खाने के लिए दे देता तो वे खा लेती थीं। शांति की तलाश में आश्रम और मंदिरों में भटकती रहती थीं। फिर वे कोलकाता चली गईं और मदर टेरेसा के साथ 9 साल रहीं। लोगों की सेवा की। जब थोड़ी शांति मिली तो दोबारा मुंबई आकर फिल्मों में काम शुरू किया। अपने आखिरी समय में शशिकला छोटी बेटी और दामाद के साथ रहती थीं। बड़ी बेटी की कैंसर की वजह 1993 में मौत हो गई थी।
 

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