शिमला । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही हिमाचल हैल्थ केयर योजना-हिमकेयर उन लोगों के जीवन में नई रोशनी लाई है, जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण ईलाज के लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं वहन नहीं कर सकते। इस योजना के अन्तर्गत आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं उठा पाने वाले प्रदेशवासियों को लाभान्वित किया जा रहा है। हिमकेयर योजना के तहत राज्य में अब तक 144 करोड़ रुपये से अधिक व्यय कर एक लाख 51 हजार 157 लोगों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है। इस योजना के तहत प्रदेश के पांच लाख 21 हजार 698 लोग अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा बिलासपुर जिला के 8,987 लाभार्थियों के निःशुल्क उपचार पर 7 करोड़ 28 लाख 85 हजार रुपये, जिला चम्बा में 5,922 मरीजों पर 5 करोड़ 34 लाख 66 हजार रुपये, जिला हमीरपुर में 14,554 लोगों के लिए 9 करोड़ 21 लाख 84 हजार रुपये, जिला कांगड़ा में 35,430 लोगों के लिए 34 करोड़ 95 लाख 56 हजार रुपये, जिला किन्नौर में 1,541 लोगों के लिए एक करोड़ 89 लाख 51 हजार रुपये, जिला कुल्लू में 12,382 लोगों के लिए आठ करोड़ 48 लाख 71 हजार रुपये, लाहौल-स्पीति जिला में 391 लोगों के लिए 34 लाख 58 हजार रुपये, जिला मण्डी में 19,639 लोगों के लिए 18 करोड़ 29 लाख 85 हजार रुपये, जिला शिमला में 13,266 लोगों के लिए 19 करोड़ 86 लाख 15 हजार रुपये, जिला सिरमौर में 13,756 लोगों के लिए 9 करोड़ 45 लाख 72 हजार रुपये, जिला सोलन में 13,433 व्यक्तियों के लिए 10 करोड़ 50 लाख रुपये, ऊना जिला में 9,684 व्यक्तियों के लिए पांच करोड़ 79 लाख 65 हजार रुपये जबकि पीजीआई चण्डीगढ़ में 2,172 प्रदेशवासियों के निःशुल्क उपचार के लिए 12 करोड़ 57 लाख रुपये व्यय किए गए हैं।
हिमकेयर योजना के तहत प्रत्येक पात्र लाभार्थी परिवार के पांच सदस्यों को पांच लाख रुपये तक निःशुल्क ईलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। यदि किसी परिवार में पांच से अधिक सदस्य हैं तो उनके दो कार्ड बनाए जाएंगे। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है।हिमकेयर योजना के लिए पंजीकरण हर वर्ष जनवरी से मार्च माह तक किया जाता है। इस वर्ष पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल, 2021 की गई है। हिमकेयर योजना के तहत पंजीकरण हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के वैब पोर्टल ूूूण्ीचेइलेण्पद पर स्वयं अथवा लोक मित्र केन्द्र या काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से 50 रुपये का शुल्क अदा कर भी किया जा सकता है। हिमकेयर योजना के तहत पंजीकरण करवाने के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल नम्बर और श्रेणी के प्रमाण की आवश्यकता होती है।
इस योजना के तहत कार्ड बनाने के लिए गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों, मनरेगा कर्मियों जिन्होंने पिछले या वर्तमान वित्तीय वर्ष में कम से कम 50 दिन कार्य किया हो व पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी वालों को कोई भी प्रीमियम नहीं देना होता है। एकल नारी, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग, 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं, आशा, मिड डे मील कार्यकर्ता, दिहाड़ीदार, अंशकालिक व आउटसोर्स कर्मचारियों तथा अनुबन्ध कर्मचारियों के लिए प्रीमियम मात्र 365 रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया है।अन्य व्यक्ति जो नियमित सरकारी या सेवानिवृत कर्मचारी नहीं हैं उनके लिए प्रीमियम की दर प्रति परिवार प्रतिवर्ष 1000 रुपये निर्धारित की गई है। हिम केयर कार्ड के नवीनीकरण के लिए वर्ष भर सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इस योजना के तहत एक हजार 579 उपचार प्रक्रियाएं कवर की जा रही हैं, जिसमें डे-केयर सर्जरीज भी शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने पर कैशलेस सेवा प्रदान की जा रही है। हिमकेयर कार्ड धारकों को 201 पंजीकृत अस्पतालों में ईलाज की सुविधा उपलब्ध है, जिनमें से 64 अस्पताल निजी क्षेत्र में हैं। हिमकेयर योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है जो आर्थिक स्थिति कमज़ोर होने के कारण अपना ईलाज नहीं करवा सकते। गरीब आदमी धन के अभाव में ईलाज से वंचित न रहे इसी ध्येय के साथ प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना का सफल संचालन कर इसे जमीनी स्तर तक पहुंचाकर देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के क्षेत्र में अलग मुकाम हासिल किया है।
रीजनल नार्थ
आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों का संबल बनी हिमकेयर योजना