नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं। स्थिति यह है कि एक सरकारी अस्पताल सहित 21 अस्पतालों के आइसीयू में वेंटिलेटर खाली नहीं है। वहीं 30 अस्पतालों के आइसीयू में बगैर वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड भी खाली नहीं है। इस वजह से मरीजों की मुश्किलें बढ़ने लगी है। पिछले दिनों निजी अस्पतालों में 25 फीसद बेड़ बढ़ाने का स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने आदेश जारी किया था। अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए अभी कुल 6165 बेड आरक्षित हैं। इसमें से 55 फीसद बेड खाली है और 45 फीसद बेड भर चुके हैं। इससे आठ अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भी बेड खाली नहीं। वहीं अस्पतालों में उपलब्ध 52.78 फीसद वेंटिलेटर भरे हुए हैं। 47.22 फीसद वेंटिलेटर ही खाली हैं। इसी तरह बगैर वेंटिलेटर वाले 44 फीसद आइसीयू बेड भर चुके हैं। गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर में रोजान रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। रविवार को 24 घंटे के दौरान दिल्ली में 4000 से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। इन नए मामलों ने दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली सरकार के मंत्री और सीएम अरविंद केजरीवाल तक कह चुके हैं कि दिल्ली के लोगों को कोरोना के बचाव के नियमों का पालन करने को लेकर और सतर्क होने की जरूरत है। यदि अब भी चेते नहीं तो इसे काबू कर पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ी है। कोरोना के बढ़ते मामलों का असर कहें या फिर लोगों में बढ़ रही जागरूकता, लोग बड़ी संख्या में टीकाकरण के लिए केंद्र पर पहुंच रहे हैं। रविवार को भी बड़ी संख्या में लोग टीका लगवाने केंद्रों पर पहुंचे।
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दिल्ली के 21 अस्पतालों के आइसीयू में खाली नहीं वेंटिलेटर