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दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के नए गृहमंत्री बने,  अनिल देशमुख का इस्तीफा राज्यपाल को भेजा 

दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के नए गृहमंत्री बने,  अनिल देशमुख का इस्तीफा राज्यपाल को भेजा 

मुंबई । दिलीप वलसे पाटिल को अनिल देशमुख की जगह महाराष्ट्र का नया गृह मंत्री बनाया गया है। अंबेगांव से विधायक पाटिल इससे पहले महाराष्ट्र के आबकारी और श्रम मंत्री रहे हैं। पाटिल शरद पवार के बेहदकरीबी माने जाते हैं। 
दिलीप वलसे पाटिल के पुराने मंत्रालयों का अतिरिक्त कार्यभार हसन मुश्रिफ को दिया गया जबकि उत्पादन शुल्क का अतिरिक्त कार्यभार उपमुख्यमंत्री अजित पवार को दिया गया है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पिछले दिनों महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर लगाए गए 100 करोड़ रुपये की वसूली के सनसनीखेज आरोप के बाद अनिल देशमुख पर गाज गिर गई है। अनिल देशमुख ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह इस्तीफा एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पर हुई बैठक के बाद दिया। 
इससे पहलेबॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सोमवार को दिए गए आदेश के बाद अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद अनिल देशमुख ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई। इसके बाद, शरद पवार ने भी सहमति दे दी। मलिक ने आगे कहा उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के लिए यह कदम उठाया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव को भेजे गए अपने लेटर में अनिल देशमुख ने लिखा है कि उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद गृह मंत्री के रूप में बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं लगता है। बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच में बैठक हुई। शरद पवार के मुंबई स्थित घर पर हुई इस मीटिंग में अनिल देशमुख और सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। बैठक में इस पूरे मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई क्योंकि एनसीपी और एमवीए सरकार के लिए यह शर्मनाक होगा यदि गृह मंत्री को सीबीआई जांच के लिए बुलाया जाता है। 
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज सीबीआई को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि यह असाधारण और अभूतपूर्व मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। 
ज्ञात रहे कि 25 मार्च को परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक पीआईएल दाखिल की थी जिसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा। हालांकि, अनिल देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है।
 

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