
कोलकाता । भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के क्रिकेटरों की तुलना में भारतीय खिलाड़ी मानसिक सेहत के मामले में अधिक मजबूत हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में खिलाड़ियों को जैव सुरक्षा घेरे बायो-बबल में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में उनका जीवन होटलों और स्टेडियमों तक ही सीमित है। ये खिलाड़ी बायो-बबल से बाहर किसी से मिल नहीं सकते, जिससे उनके लिए अपने को तरोताजा और प्रेरित रखना बेहद कठिन हो जाता है।
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी हाल ही में कहा था कि इस हाल में खिलाड़ियों को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांगुली ने कहा कि मुझे लगता है कि विदेशी क्रिकेटरों की तुलना में हम भारतीय मानसिक सेहत को लेकर अधिक सहनशील हैं। मैंने इंग्लैंड, आस्ट्रेलियाई और वेस्टइंडीज के बहुत सारे क्रिकेटरों के साथ खेला है। वे मानसिक सेहत के मामले में जल्दी विचलित हो जाते हैं जबकि भारतीय हार नहीं मानते। पिछले छह-सात महीने से बायो-बबल में क्रिकेट हो रहा है और यह काफी कठिन है। होटल के कमरे से मैदान पर जाना, खेल के दबाव को संभालना और वापस कमरे में आ जाना और फिर से मैदान पर जाना, यह बिलकुल अलग तरह की मानसिक दबाव वाली जिंदगी है।
गांगुली ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के दक्षिण अफ्रीका दौरे से हटने का भी उदाहरण दिया। बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने ‘खिलाड़ियों, सहायक कर्मचारियों और समुदाय के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा खतरे का हवाला देते हुए तीन मैचों की श्रृंखला के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा रद्द किया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम को देखिये, भारत के खिलाफ श्रृंखला के बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना था पर उन्होंने मना कर दिया। वहीं भारतीय टीम ने इस दौरान लगातार खेला है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 का खतरा हमेशा ही बना रहेगा। इस दौरान आपको सकारात्मक रहना होगा, आपको अपने को मानसिक रूप से तैयार करना होगा। हम सभी को अपने को मानसिक रूप से प्रशिक्षित करना होगा ताकि हमारे साथ अच्छा होगा। यह तैयारी पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि आपको ऐसी स्थिति से निपटना होगा। यह आपकी मानसिकता के बारे में है। चाहे खेल हो या व्यवसाय या कुछ और जिंदगी का कोई भरोसा नहीं। आपको हर हाल का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।