मुंबई, । महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता अनिल परब भी मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे के धन उगाही मामले के आरोपों में फंस गए हैं. दरअसल मंगलवार को वाजे ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने शिवसेना नेता और परिवहन मंत्री परब पर 50 करोड़ की उगाही करने के लिए कहने का आरोप लगाया था। साथ ही मुंबई मनपा के 50 कॉन्ट्रैक्टर्स से दो-दो करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए भी कहा था। बुधवार को अनिल परब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सचिन वाजे के सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया। यहां तक कि उन्होंने अपनी बेटियों की कसम खाते हुए खुद को बालासाहेब का शिवसैनिक बताया। अनिल परब ने कहा, ''मैं बालासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक हूं। मैंने उनके नाम पर शपथ ली, जिन्हें मैं भगवान की तरह मानता हूं। साथ ही अपनी दोनों बेटियों की कसम खाते हुए कहता हूं कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।'' महाराष्ट्र के मंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सीएम उद्धव ठाकरे को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है।
उन्होंने दावा किया कि यह बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है और वाजे के आरोप भी इसी का हिस्सा हैं। सीएम को बदनाम करने के लिए, सीएम के आसपास के लोगों को बदनाम करना पड़ेगा, इसलिए यह बीजेपी की साजिश है।" अनिल परब ने यह भी कहा कि वह जांच करवाने के लिए तैयार हैं और यहां तक कि उन पर लगाए गए जबरन वसूली के आरोपों में नार्को टेस्ट भी करवाने को तैयार हैं। हालांकि, परब ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। परब ने यह भी सवाल पूछा कि आखिर सचिन वाजे ने इन आरोपों को पहले क्यों नहीं बताया। उन्होंने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने भी सीएम उद्धव ठाकरे को भेजे गए पत्र में ऐसे कोई आरोप नहीं लगाए हैं। बहरहाल राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के बाद अब परिवहन मंत्री अनिल परब भी फंस गए हैं और विपक्ष एक बार फिर उनके इस्तीफे का दवाब बना सकता है.
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धन उगाही मामले में फंसे महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री