मुंबई । कोरोना महामारी की वजह से देश में पेट्रोलियम पदार्थों की खपत में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 9.1 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। दो दशक से अधिक समय में पहली बार ऐसा हुआ है जब वार्षिक आधार पर ईंधन की खपत गिरी है। पिछले साल कोरोना वायरस महामारी पर अंकुश पाने के लिए कड़ा लॉकडाउन लगाया गया था। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ट (पीपीएसी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019-20 में देश में 21.41 करोड़ टन पेट्रोलियम पदार्थों की खपत हुई। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2020-21 में 19 करोड़ 46 लाख टन खपत हुई। वर्ष 1998-99 के बाद पहली बार पेट्रिलियम खपत गिरी है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान डीजल की खपत 12 प्रतिशत घटकर 7.27 करोड़ टन और पेट्रोल की 6.7 प्रतिशत घटकर 2.79 करोड़ टन रही। विमान ईंधन की खपत में 53.6 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई और यह 37 लाख टरन रहा। नाफ्था की बिक्री 1.42 करोड़ टन के साथ करीब करीब एक साल पहले के बराबर ही रही। सड़क निर्माण तेज होने से अलकतरा की बिक्री 6 प्रतिशत बढ़कर 71.1 लाख टन पर पहुंच गई। पिछले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू एलपीजी ही आम जरूरत का ऐसा पेट्रोलियम उत्पाद रहा जिसकी खपत में वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष के दौरान इसकी खपत 4.7 प्रतिशत बढ़कर 2.76 करोड़ टन तक पहुंच गई। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019- 20 में यह 2.63 करोड़ टन रही थी।
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पेट्रोलियम पदार्थों की खपत में पिछले वित्त वर्ष के दौरान बड़ी गिरावट