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 हमें एक ऐसे देश के रूप में उभरना है जो जॉब प्रोवाइडर हो न कि जॉब सीकर: मनीष सिसोदिया

 हमें एक ऐसे देश के रूप में उभरना है जो जॉब प्रोवाइडर हो न कि जॉब सीकर: मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली । दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अशोका विश्वविद्यालय द्वारा वर्चुअल आयोजित एंटरप्रेन्योरशिप एजुकेशन कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली सरकार ने शिक्षा की नींव को ठीक करने के लिए स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई और अब शिक्षा को नींव बनाकर समाज की समस्याओं को खत्म करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने  स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए अपने कुल बजट का 26% आवंटित किया और स्कूल के बुनियादी ढांचे को ठीक करके बुनियादी मानकों को निर्धारित किया। दिल्ली सरकार ने अपने शिक्षकों के प्रोफेशनल डेवेलपमेंट के लिए उन्हें हार्वर्ड और कैम्ब्रिज भेजना शुरू किया। दिल्ली सरकार ने शिक्षा के लिए 360 डिग्री का दृष्टिकोण अपनाया है जो बुनियादी ढाँचे, छात्रों व शिक्षकों के क्षमता निर्माण पर आधारित हैं। हमारे छात्रों ने अच्छे परिणाम प्राप्त किए  है और कई स्कूलों में ऐसे छात्र थे जिन्होंने NEET, IIT  जैसी परीक्षा बिना किसी ट्यूशन के पास की। ”
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “ दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में जो नवाचार अपनाए गए है, एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम उनमें से एक है। ये छात्रों को नए तरीके से सोचने, चुनौती स्वीकार करने और नया करने में सक्षम बनाने पर आधारित है। अपने छात्रों में विकास की मानसिकता का निर्माण करने के लिए, हमने 9 वीं -12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की है, जो उनमें 21 वीं सदी के कौशल विकसित करने, अपनी प्रतिभा को समझने के साथ स्वयं में उद्यमिता की मानसिकता को बढ़ाने पर केंद्रित है। इसमें छात्र कौशल सीखते हैं और माइंडफुलनेस का अभ्यास करते हैं जो उन्हें बड़े सपने देखने, नए और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। EMC में छात्रों को गहन रूप से सोचने के लिए विभिन्न अनूठी गतिविधियाँ शामिल हैं, चाहे वह फील्ड वर्क हो या प्रख्यात उद्यमियों के साथ बातचीत। उन्होंने बताया कि ईएमसी में वास्तविक जीवन के उद्यमियों की 40 कहानियों का एक सेट बनाया गया है। ईएमसी में छात्र माइक्रो-फील्ड अनुसंधान भी कर रहे हैं, जिसमें एक छात्र 5 ऐसे लोगों का अध्ययन करता है, जो नौकरी करते हैं या  जिनके पास स्टार्ट-अप या अपने स्वयं के व्यवसाय हैं। दिल्ली सरकार ने 11 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्रों को उनके उद्यमिता परियोजनाओं को शुरू करने के लिए सीडमनी दिया है, जिससे छात्रों में सीखने के लिए एक अलग तरह का माहौल पैदा हुआ है।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि, “हमने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की भी स्थापना की है जो हमारे छात्रों के माइंडसेट का आकलन करेगा। हम अपने बच्चों का परीक्षण और आकलन साल के अंत में 3 घंटे के परीक्षा के आधार पर करते हैं। दिल्ली बोर्ड में छात्रों का लगातार मूल्यांकन होगा जिसमे उनके रटने का नहीं बल्कि उनकी मानसिकता और समझ का मूल्यांकन होगा। उन्होंने कहा कि हमें एक उद्यमशील मानसिकता रखने की आवश्यकता है चाहे हम नौकरी में शामिल हो रहे हों या रोजगार का सृजन कर रहे हों। यह बोर्ड हमारे शिक्षकों की भी मदद करेगा, जो केवल एग्जाम नहीं लेगा बल्कि पार्टनर ऑफ लर्निंग भी बनेगा”
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कुछ विद्यार्थियों की कहानियां भी बताई जो ईएमसी से प्रेरणा लेकर बेहतर काम कर रहे है। एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के जीवन में बदलाव आया है। स्कूल की अपनी दौरों की चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, "मैंने कई छात्रों के साथ बातचीत की जिन्होंने अपने स्वयं के व्यवसाय शुरू करने के लिए सीडमनी का उपयोग किया है। मैं एक स्कूल में यह पूछने के लिए गया कि क्या ईएमसी ने उनकी मदद की है, एक छात्रा ने कहा कि ईएमसी कक्षाओं से सीखने के बाद वह मोबाइल रिपेयरिंग के काम के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग सिस्टम बनाकर अपने पिता की मदद करने लगी थी। एक अन्य छात्रा ने उद्यमी कृष्णा यादव से प्रेरित होकर अपनी माँ की दो फूड स्टॉल शुरू करने में मदद की।  एक छात्र ने यह भी कहा कि वे ब्लूटूथ स्पीकर बनाने के लिए सीडमनी का उपयोग करेंगे और आज वे अपने साथियों के साथ मिलकर बाजार से बहुत कम कीमत पर 'स्पीक टेक' नाम से स्पीकर बनाना शुरू कर दिया है।ये हमारे बच्चों की सफलता की कहानी है। 
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाई पूरा करने वाले छात्र, जिन्होंने 4 साल स्कूली शिक्षा में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम पढ़ा हो वे विश्वविद्यालय के लिए एक एसेट हैं। दिल्ली सरकार ने हैपीनेस करिकुलम के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि हमारे विश्वविद्यालय जाने वाले छात्र भावनात्मक रूप से स्वस्थ हो, और ईएमसी से सीखकर, वे पेशेवर रूप से भी बेहतर करें। हमारा मिशन यह है कि हमारे छात्र जॉब प्रोवाइडर बने जॉब सीकर नहीं, और यह हमारे विश्वविद्यालयों को सुनिश्चित करना होगा। अगर हमारे छात्रों में से 99% नौकरी करने वाले के रूप में कार्यबल में शामिल होते हैं, तो हम नौकरी देने वाला देश कैसे बनेंगे? मुझे उम्मीद है कि हमारे छात्र हमारे स्कूलों और विश्वविद्यालयों से शिक्षा लेकर जॉब प्रोवाइडर बनने के लिए प्रेरित होंगे, उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा, “हम पिछले कई दशकों से पढ़ रहे है कि भारत एक विकासशील देश है। हमें अपने छात्रों में एक उद्यमशील मानसिकता विकसित करने की आवश्यकता है जिससे वे अपनी अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें। यदि हम अपने छात्रों में उद्यमशीलता की मानसिकता को स्थापित करने पर काम नहीं करते हैं, तो हम एक नौकरी तलाशने वाले देश बने रहेंगे, और कभी भी विकसित राष्ट्र की जगह पर नहीं पहुंचेंगे। इसमें ईएमसी एक बड़ा भागीदार है और मुझे उम्मीद है कि हमारे विश्विद्यालय छात्रों को जॉब प्रोवाइडर और सशक्त बनाने में हमारा साथ देगा।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया भी सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के आशीष धवन के साथ एक प्रश्नोत्तर सत्र में शामिल हुए। दिल्ली स्किल यूनिवर्सिटी पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि, “हमें वोकेशनल एजुकेशन के लिए एक बेहतरीन डिजाइन की आवश्यकता है। हमारे पास स्किल इंडिया जैसे पहल है लेकिन हमें इस तरह की पहलों के क्रियान्वयन को देखने की जरूरत है। स्किल यूनिवर्सिटी का मिशन है कि हमारे छात्रों के पास विभिन्न पाठ्यक्रमों, विशेषकर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का एक संपूर्ण रोडमैप होना चाहिए। जब तक आप विश्वविद्यालय स्तर पर स्किल-आधारित विषयों की शुरुआत नहीं करते हैं, तब तक स्कूल स्तर पर बच्चे स्वयं को प्रोत्साहित नहीं कर पाएंगे। 
एंटरप्रेन्योरशिप कॉन्फ्रेंस का आयोजन अशोका विश्वविद्यालय के इंफोएज सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप द्वारा आयोजित किया था और इसमें एंटरप्रेन्योरशिप रिसर्च, एडटेक एंड एंटरप्रेन्योरशिप, शिक्षण शास्त्र और पॉलिसी सपोर्ट के विषय शामिल थे। इस सम्मेलन में आईआईएम अहमदाबाद के प्रख्यात प्रोफेसरों, विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के संस्थापकों और देश-विदेश के इनक्यूबेटर प्रबंधकों ने भाग लिया।
 

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