नई दिल्ली । प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा की ओर से आज किसानों की मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर धरने का आयोजन किया गया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता, ओम प्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अजय महावर, अभय वर्मा एवं दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार ने धरने में हिस्सा लिया। संयोजन दिल्ली प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सहरावत ने किया।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने जानकारी देते हुए कहा कि धरने में बड़ी संख्या में किसानों ने भी हिस्सा लिया। वे अपने साथ गेहूं भी लेकर आए और मुख्यमंत्री केजरीवाल को उनके वादे याद दिलाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के कृषि विभाग द्वारा प्रमाणपत्र जारी न करने की वजह से उन्हें 1600 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं बेचना पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल को वादा याद दिलाते हुए कहा कि हम आपके दरवाजे पर आए हैं और हमें गेहूं की कीमत एमएसपी से 50 फीसदी ज्यादा दी जाए।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने घोषणा की थी कि दिल्ली में स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू कर दी गई है और किसानों को एमएसपी का 50 फीसदी अतिरिक्त भुगतान दिल्ली सरकार कर रही है जबकि ऐसा नहीं है। एमएसपी 1975 रुपए प्रति क्विंटल है और इसका अतिरिक्त 50 फीसदी 987.50 रुपए बैठता है। इसलिए दिल्ली सरकार इस राशि का भुगतान भी किसानों को करे। भाजपा विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली के किसानों से फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने 6 अप्रैल से केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर 1975 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद शुरू कर दी थी। कुल 158 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई थी जिसका भुगतान किसानों को किया जा चुका है और यह राशि किसानों के खातों में भी पहुंच चुकी है। चूंकि दिल्ली में तीन साल से गिरदावरी का काम नहीं हो रहा, इसलिए एफसीआई ने दिल्ली सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र के आधार पर ही यह खरीद की थी। 7 अप्रैल से अचानक ही दिल्ली सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने प्रमाणपत्र जारी करना बंद कर दिया। इसके बाद से एफसीआई किसानों से गेहूं नहीं खरीद पा रही।
विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से माँग की है कि वह कृषि विभाग को आदेश दें कि यह प्रमाणपत्र फिर से जारी करना शुरू करे ताकि दिल्ली के किसान अपना गेहूं एफसीआई को एमएसपी के आधार पर बेच सकें। मुख्यमंत्री से यह भी कहा गया है कि वह हरियाणा और पंजाब की तरह दिल्ली में भी किसानों को कृषि कार्यों के लिए मुफ्त बिजली के वादे को पूरा करें।
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दिल्ली के किसान केजरीवाल सरकार की ओछी नीति से नाराज: रामवीर सिंह बिधूड़ी