सऊदी अरब के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि उनका देश युद्ध नहीं चाहता, लेकिन वह ईरान के खिलाफ अपनी रक्षा कराने से पीछे नहीं हटेगा। उनका यह बयान उस वक्त आया है जब एक सप्ताह पहले संयुक्त अरब अमीरात के तट पर तेल के चार टैंकरों को निशाना बनाया गया और ईरान समर्थित यमन के बागियों ने सऊदी अरब की तेल की पाइपाइन पर ड्रोन हमले का दावा किया था। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि वह लड़ाई चाहता है, तब उसका विनाश हो जाएगा। ट्रम्प ने यह चेतावनी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के निकट एक रॉकेट के गिरने की खबर के बाद दी। दूसरी ओर, ईरान के अधिकारियों ने कहा है कि वे युद्ध नहीं चाहते हैं। सऊदी अरब के विदेश मामलों के राज्यमंत्री अदेल अल-जुबेर ने कहा, सऊदी अरब क्षेत्र में युद्ध नहीं चाहता है और वह इसकी कोशिश नहीं कर रहा है... लेकिन,यदि अन्य पक्ष युद्ध चुनता है, तो सऊदी अरब पूरी ताकत और प्रतिबद्धता के साथ इसका मुकाबला करेगा और अपनी, अपने नागरिकों और अपने हितों की रक्षा करेगा। बगदाद में अमेरिकी दूतावास में रॉकेट गिरने की रिपोर्टों के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया,यदि ईरान लड़ाई चाहता है तो यह ईरान का आधिकारिक अंत होगा।