YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

इकॉनमी

केयर्न की मूल का भुगतान करने पर 50 करोड़ डॉलर छोड़ने की पेशकश

केयर्न की मूल का भुगतान करने पर 50 करोड़ डॉलर छोड़ने की पेशकश

नई ‎दिल्ली । ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी ने कहा है कि यदि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फैसले का सम्मान करते हुए पिछली तारीख से कराधान की वजह से उसे हुए नुकसान का मूल्य लौटाने पर सहमत होती है, तो वह 50 करोड़ डॉलर की राशि छोड़ने को तैयार है। जानकारी के मुता‎बिक केयर्न एनर्जी ने इस 50 करोड़ डॉलर की राशि का निवेश भारत सरकार द्वारा चयनित किसी तेल एवं गैस या अक्षय ऊर्जा परियोजना में निवेश करने की पेशकश की है।
स्कॉटलैंड की कंपनी ने 1994 में भारत के तेल एवं गैस क्षेत्र में निवेश किया था। एक दशक बाद उसने राजस्थान में बड़े तेल भंडार की खोज की थी। 2006-07 में कंपनी ने अपनी भारतीय परिसंपत्तियों को बीएसई में सूचीबद्ध कराया था। उसके पांच साल बाद सरकार ने पिछली तारीख के कर कानून का इस्तेमाल करते हुए केयर्न एनर्जी को पुनर्गठन को लेकर 10,247 करोड़ रुपए साथ ब्याज और जुर्माने का मांग नोटिस भेजा था। इसके एवज में सरकार ने भारतीय इकाई में केयर्न के शेष शेयर बेच दिए थे और साथ ही लाभांश जब्त करते हुए कर रिफंड को रोक लिया था। 
केयर्न ने सरकार के इस कदम को हेग में पंचाट न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी। पंचाट ने दिसंबर, 2020 में केयर्न के पक्ष में 1.2 अरब डॉलर, साथ ही लागत और ब्याज का फैसला दिया था। यह पूरी राशि 12,600 करोड़ रुपए बैठती है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि कंपनी की वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है। कंपनी ने इस बातचीत में भारत सरकार द्वारा 1.2 अरब डॉलर की मूल राशि लौटाने पर 50 करोड़ डॉलर की लागत और ब्याज छोड़ने की पेशकश की है। कंपनी ने कहा है कि वह इस राशि का भारत सरकार द्वारा चयनित किसी तेल एवं गैस या अक्षय ऊर्जा परियोजना में निवेश करने को तैयार है।
 

Related Posts